राष्ट्र के निर्माण में सनातन धर्म की भूमिका विषय पर भरवारी में आयोजित हुई गोष्ठी,सनातन धर्म पर हुई चर्चा

कौशाम्बी,

राष्ट्र के निर्माण में सनातन धर्म की भूमिका विषय पर भरवारी में आयोजित हुई गोष्ठी,सनातन धर्म पर हुई चर्चा,

यूपी के कौशम्बी में राष्ट्र के निर्माण में सनातन धर्म की भूमिका पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया,संगोष्ठी में राज्य सभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ला बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।उन्होंने कहा की भारत माता के रग रग में सनातन बसा हुआ है और यही सनातन भारत माता का स्वरूप है। इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सनातन और भारत माता एक दूसरे के पर्याय हैं। इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सनातन एक वृहद स्वरूप है जिसमें विभिन्न वर्ग पंत और समुदाय समाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में कभी भी छुआछूत हुआ जात पात नहीं रहा है। जाति नामक बीमारी सनातन धर्म में भारत में मुगलों के आने के बाद आई है। जब काम के नाम पर बैठे वर्ग अपने आप को मुस्लिम आक्रांताओं के हमलों से अपने परिवार व महिलाओं धन को बचाने के लिए जाति के नाम पर एकजुट हो गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सनातन वेदों से चलता है और वेद में कहीं भी जातियों का उल्लेख नहीं उन्होंने कहा कि हमें फिर से सनातन को मजबूत करने के लिए वेदों की ओर चलना होगा और जाति प्रथा को पूरी तरह से खत्म करना होगा। इस मौके पर परिचर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आज पूरा विश्व सनातन धर्म के रीतियो और विचारों को आत्मसात कर रहा है। पूरे विश्व में सनातन धर्म के द्वारा प्रतिपादित किए गए नियमों और सिद्धांतों को विज्ञान की कसौटी में कैसा गया जिसमें वह पूरी तरह से खरा उतरा यही कारण है आज पूरे विश्व के लोग सनातन धर्म को बहुत ही आशा और सम्मान की दृष्टि से देख रहे हैं।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor