उत्तर प्रदेश,
मुख्य सचिव ने पीएम गतिशक्ति योजना की प्रगति की समीक्षा की,
न्यूज ऑफ़ इंडिया (एजेंसी)
यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पीएम गतिशक्ति योजना की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि पीएम गति शक्ति योजना ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के लिये बेहद उपयोगी है। एक विभाग की परियोजना की जानकारी, उसकी अद्यतन स्थिति और उनकी भावी कार्ययोजना की जानकारी दूसरे विभागों के पास न होने के कारण विभाग अलगाव की स्थिति में कार्य करते हैं, जिससे एक योजना का दूसरी योजना के क्रियान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पीएम गति शक्ति इस समस्या का स्थायी समाधान है। इसके माध्यम से हर विभाग दूसरे विभाग की योजनाओं व परियोजनाओं से अपडेट रहेगा और उसी के अनुरूप अपने कार्यों को आकार देगा। इसके सफल क्रियान्वयन से हमें जमीनी स्तर पर काम में तेजी लाने, लागत मे कमी करने में मदद मिलेगी।
पीएम गति शक्ति की 30 मैनडेटरी (अनिवार्य) लेयर में से 21 लेयर पूरी तरह से एकीकृत और प्रमाणित होने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये अवशेष लेयर पर का कार्य तीन माह के भीतर पूरा करने के निर्देश सम्बन्धित विभागों को दिये। उन्होंने कहा कि डाटा प्रामाणिक और सत्यापित होना चाहिए। सभी सम्बन्धित विभाग भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फार स्पेस एप्लीकेशन्स एण्ड जियो-इंफॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) और रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेण्टर-यूपी (आरएसएसी-यूपी) के समन्वय से नियमित आधार पर पीएम गति शक्ति पोर्टल पर डेटा अंकित, सत्यापित और अद्यतन करें। हर तीन माह में जानकारी पोर्टल पर अपडेट करते रहें।
उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के निर्णय लेने, योजना बनाने और निष्पादन के लिए इस पोर्टल का उपयोग किया जाये। मैनडेटरी लेयर के अतिरिक्त 39 अन्य लेयर में डाटा फीडिंग के लिए भी तीन माह का लक्ष्य निर्धारित किया जाये। पी0एम0 गति शक्ति के सुगम क्रियान्वयन के लिए तकनीकी दक्षता जरूरी है। आवश्यकता होने पर डिजिटल मोड पर कार्मिकों का प्रशिक्षण करा दिया जाये।
बैठक में बताया गया कि राज्य में पीएम गति शक्ति के कार्यान्वयन के लिए सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस), नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) और तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन ईजीओएस बैठक आयोजित की गई है। सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास को राज्य में पीएम गति शक्ति के लिए राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। पीएम गति शक्ति के लिए विभागवार नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में पीएम गति शक्ति पहल के कार्यान्वयन के लिए 3 तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) स्थापित की गई है। 400 से अधिक सरकारी अधिकारियों को डीपीआईआईटी और बीआईएसएजी-एन के समन्वय से प्रशिक्षित किया गया है। इन्वेस्ट यूपी एवं आरएसएसी-यूपी डेटा एकीकरण और तकनीकी सहायता के लिए नियमित आधार पर 30 से अधिक विभिन्न विभागों का सहयोग कर रहा है। पीएम गति शक्ति पोर्टल पर तेजी से एकीकरण हासिल करने के लिए 12 एप्लिकेशन/टूल का विकास और 8 और मोबाइल ऐप/टूल का विकास किया गया है। 21 लेयर को पूरी तरह से एकीकृत और प्रमाणित किया गया है अवशेष 8 लेयर इंटीग्रेटेड (एकीकृत) हैं और अद्यतन/प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में हैं।
बैठक में बताया गया कि उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, भारत सरकार (डीपीआईआईटी) द्वारा 896.91 करोड़ की 15 परियोजनाओं को ‘पूंजीगत निवेश वित्तीय वर्ष 2022-23, भाग-2 के लिए राज्यों को विशेष सहायता’ के तहत अनुमोदित किया गया है, जिसमें गोरखपुर में भिती रावत (सेक्टर-26) इंडस्ट्रियल एरिया गार्मेंट पार्क सहित, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, प्लास्टिक पार्क, फ्लेटेड फैक्टरी कॉम्प्लेक्स (एफएफसी) तथा 7.5 एमएलडी कॉमन इफ्लुयेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) परियोजना शामिल है। इसके अलावा नोएडा व ग्रेटर नोएडा में पर्थला चौक, भेलोपुर के पास अंडरपास/फ्लाइओवर, 5.5 किमी की 6 लेन एलीवेटेड रोड तथा एक्सप्रेस पर अंडरपास की परियोजना शामिल है। इसके अतिरिक्त यीडा के अंतर्गत ट्वाय पार्क, अपैरल पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अंतर्गत 03 इंडस्ट्रियल पार्क्स के डेवलपमेंट की परियोजना सम्मिलित है।
इस डीपीआईआईटी से अनुमोदित 841.91 करोड़ रुपये की विशेष सहायता को अथॉरिटीज के मध्य वितरित कर दिया गया है। यीडा को 177 करोड़ रुपये, गीडा को 226.57 करोड़ रुपये, नोएडा व ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवपमेंट अथॉरिटी को क्रमशः 231.63 करोड़ रुपये व 206.71 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है। इसके अतिरिक्त ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवपमेंट अथॉरिटी की 55 करोड़ रुपये लागत की एक अन्य परियोजना को भी डीपीआईआईटी द्वारा अनुमोदित किया गया है।
यह भी बताया गया कि डीपीआईआईटी के समन्वय से पीएम गति शक्ति रीजनल कॉन्फ्रेन्स वाराणसी में आगामी 11 से 12 अप्रैल, 2023 तक प्रस्तावित है। इस कॉन्फ्रेन्स में उत्तर प्रदेश सहित बिहार, ओड़िसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा, इस पर मुख्य सचिव ने कॉन्फ्रेन्स की सभी तैयारियों को डीपीआईआईटी के समन्वय से समय से पूरा करने के निर्देश दिये।
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अभिषेक प्रकाश सहित सभी सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।