कौशाम्बी में मजहब की दीवार तोड़ महोबा की शबाना ने रजनी बन बबलू से रचाई शादी

कौशाम्बी,

कौशाम्बी में मजहब की दीवार तोड़ महोबा की शबाना ने रजनी बन बबलू से रचाई शादी,

यूपी के कौशाम्बी जिले के बबलू और महोबा की शबाना ने शनिवार को मंदिर मे परिवार की रजामंदी के बाद शादी कर ली। बबलू से शादी के लिए शबाना ने हिन्दू रीति रिवाज अपना कर रजनी बन गई। मंदिर मे 7 फेरे लेने के बाद रजनी और बबलू ने अपने से बड़ो का आशीर्वाद लेकर नए जीवन की शुरुआत कर ली है। बताया जा रहा है शबाना और बबलू का पिछले 4 साल से प्रेम संबंध चल रहा था।

करारी के थाबा अलावलपुर गांव का बबलू प्रयागराज के पुरामुफ़्ती के एक ईंट भट्ठा पर काम करता है। इसी ईंट-भट्ठा पर महोबा जिले के पाठा रोड की शबाना भी अपने भाई-भाभी के साथ काम करती थी। करीब चार साल से दोनों बीच प्रेम संबंध रहे। इस बात की परिजनों को भनक लगी तो परिवार मे शबाना को छोड़ने का दबाव घर वाले बनाने लगे, लेकिन बबलू ने शबाना का साथ नहीं छोड़ा।

शनिवार की दोपहर गाव मे मंदिर मे शबाना ने खुद हिन्दू धर्म स्वीकार कर अपना नाम रजनी रख लिया। परिजनों ने शबाना के इस समर्पण को देख बेटे बबलू के विवाह को अपनी रजामंदी दे दी। जिसके बाद मंदिर में शबाना (अब रजनी) ने बबलू से हिन्दू रीति रिवाज से विवाह कर लिया। इस दौरान बबलू के घर वालो को युगल जोड़े को आशीष दिया। शबाना (अब रजनी) के भाई-भाभी भी इस विवाह से बेहद खुश थे। वह उसे बबलू के घर छोड़ महोबा वापस लौट गए है।

रजनी और बबलू ने करारी थाने मे जाकर अपने बालिग होने और खुद की रजामंदी से विवाह करने की जानकारी दी है। पुलिस ने मामले में कानून के आधार पर युवक युवती के बालिग होने पर विवाह को अपनी सहमति दे दी है। इंस्पेक्टर करारी गणेश प्रसाद ने बताया, युवक युवती के विवाह का प्रकरण प्रकाश में आया है। बालिग होने पर किसी तरह की कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor