यूपी में नई आबकारी नीति को मिली मंजूरी,अप्रैल से महंगी होगी शराब,अंग्रेजी और बीयर की ई लॉटरी के माध्यम से आवंटित होगी कंपोजिट दुकान,कोटा भी होगा समाप्त

उत्तर प्रदेश,

यूपी में नई आबकारी नीति को मिली मंजूरी,अप्रैल से महंगी होगी शराब,अंग्रेजी और बीयर की ई लॉटरी के माध्यम से आवंटित होगी कंपोजिट दुकान,कोटा भी होगा समाप्त,

यूपी में योगी की कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है, वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब की दुकानों का व्यवस्थापन ई-लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। बुधवार को कैबिनेट से मंजूर की गई नई आबकारी नीति से अब अप्रैल से शराब महंगी हो जाएगी। ऐसे में शराब के शौकीनों को पहली अप्रैल से जेब ज्यादा हल्की करनी पड़ेगी।

उत्तर प्रदेश में पहली बार अंग्रेजी शराब, बीयर व वाइन की बिक्री के लिए कंपोजिट शॉप (दुकानें) खोलने का भी निर्णय किया गया है। सरकार ने शराब की बिक्री से 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य रखा है।सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूर की गई आबकारी नीति को लेकर अधिकृत तौर पर तो कोई जानकारी नहीं दी गई, लेकिन सूत्रों के अनुसार, छह वर्ष बाद शराब की दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण न करने का निर्णय किया गया है।

अगले वित्तीय वर्ष के लिए सभी दुकानों का आवंटन ई-लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। ई-लाटरी से आवेदन करने वाले व्यापारियों की संख्या बढ़ेगी और इससे सरकार को भारी-भरकम धनराशि हासिल होने का अनुमान है। लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। देशी शराब की दुकान के लिए पांच श्रेणियों में आवेदन की फीस 40,000 से 65,000 रुपये, कम्पोजिट दुकानों के आवेदन के लिए 55,000 से 90,000 रुपये, मॉडल शॉप के लिए 60,000 से 1,00,000 रुपये व भांग की दुकानों के लिए सभी श्रेणियों में 25,000 रुपये फीस निर्धारित की गई है।

सूत्र बताते हैं कि नई नीति में सरकार शराब की दुकानों के लिए कोटा की व्यवस्था को भी समाप्त कर रही है। अभी तक कोटा की व्यवस्था थी, जिसके चलते शराब विक्रेताओं को निर्धारित मात्रा में शराब का स्टॉक उठाना पड़ता था।

नई आबकारी नीति में वर्ष 2025-26 में ई-लाटरी द्वारा आवंटित की गई दुकानों के लाइसेंस के अगले तीन वर्षों तक नवीनीकरण किए जाने की भी व्यवस्था की गई है, लेकिन अंतिम निर्णय सरकार ने अपने पास सुरक्षित रखा है। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने नई नीति के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी देने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को नई नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

ग्राहकों को शराब पीने की सुविधा देने के लिए कंपोजिट दुकानों को मॉडल शॉप में परिवर्तित किया जा सकेगा। इसके लिए अलग से शुल्क देना पड़ेगा।

एल्युमिनियम कैन में भारत निर्मित विदेशी मदिरा की बिक्री सीएफटीआरआई (केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान) से सेहत सुरक्षा प्रमाण पत्र लेने के बाद ही की जा सकेगी।

ट्रैक एंड ट्रेस का शुल्क ईडीपी (एक्स-डिस्टलरी मूल्य) के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा।

शराब के गोदाम की फीस दो लाख रुपये होगी। विदेशी शराब की निर्यात पास फीस दस रुपये प्रति बल्क लीटर होगी।

पर्यटन विभाग की तरफ से स्टार वर्गीकरण प्राप्त न करने वाले होटलों को लाइसेंस फीस के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा।

अन्य देशों से आयातित सभी तीव्रता वाली बीयरों की परमिट फीस 175 रुपये प्रति बल्क लीटर रखी गई है।

सभी दुकानों पर लगाए जाएंगे दो-दो सीसीटीवी कैमरे व दुकानों की जियो फेंसिंग की जाएगी।

नई नीति में बदलाव के चलते शराब व्यापारियों के पास पड़े शराब के स्टॉक को क्लियर करने के लिए शराब की कीमतें कम की जा सकती हैं। शराब व्यापारियों के पास फरवरी व मार्च का कोटा बचा हुआ है।

नई नीति के बाद शराब व्यापार से तमाम छोटे व्यापारियों का कारोबार बंद होने की उम्मीद की जा रही है। इसके चलते वे कोटा क्लियर करने के लिए शराब की कीमतें कम कर सकते हैं।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor