बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बालिकाओं को स्वास्थ्य और समाज के प्रति किया गया जागरूक

कौशाम्बी,

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बालिकाओं को स्वास्थ्य और समाज के प्रति किया गया जागरूक,

यूपी के कौशाम्बी जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इसमें नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बालिकाओं को उनके स्वास्थ्य एवं समाज में फैली बुराइयों के प्रति जागरूक किया गया।

ब्लॉक सभागार मंझनपुर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया,कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर एवं राज्य महिला आयोग सदस्य प्रतिभा कुशवाहा शामिल हुई।

कार्यक्रम में जिले भर से आई हुई सैकड़ों बालिकाओं को उनके स्वास्थ्य एवं समाज में फैली कुरीतियों के बारे में जागरूक किया गया,इस दौरान राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रतिभा कुशवाहा ने बालिकाओं को को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया, उन्होंने कहा कि आज के समय में बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं रह गया है,बेटियां आज बेटों से भी आगे बढ़ रही है और समाज में अपना अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है।

जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर ने बालिकाओं को संबोधित करते हुए अपनी मिशाल देते हुए कहा कि आज के समय में बेटियां सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है,चाहे वह सामाजिक रूप में हो अथवा नौकरी और राजनीति के क्षेत्र में हो,सभी क्षेत्रों में बेटियों का सम्मान बढ़ा है,बेटियों को अपने आपको कमजोर नहीं समझना चाहिए और आगे बढ़ाकर समाज में अपना नाम रोशन करना चाहिए।

बाल कल्याण समिति की प्रभारी मंतशा बानो ने बालिकाओं को उनके अधिकारों एवं कानून के बारे में जानकारी दी और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया, उन्होंने कहा कि सरकार ने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए है ,वही 1076,1098,112,1090 सहित कई ऐसे हेल्पलाइन नंबर भी जारी कियेभाई जिस पर फोन कर वह तत्काल अपनी समस्या के बारे में बताकर मदद ले सकती है, उन्होंने बालिकोआ से कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि समाज में फैली हुई कुरीतियों से लड़कर वह समाज में आगे बढ़ सकती है,इसके लिए उन्हें शिक्षित होना पड़ेगा,शिक्षा ही एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिससे कोई भी बालिका अपने आपको समाज में सशक्त रूप में प्रदर्शित कर सकती है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor