उत्तर प्रदेश,
उत्तर प्रदेश को दलहन एवं तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना की जाएगी संचालित,
न्यूज ऑफ इंडिया ( एजेन्सी)
उत्तर प्रदेश को दालों एवं खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने हेतु दलहनी एवं तिलहनी फसलों के आच्छादन, उत्पादन उत्पादकता में वृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क दलहन / तिलहन बीज मिनीकिट वितरण एवं प्रसार कार्यक्रम के संचालन हेतु वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक योजना स्वीकृत की गयी है। दलहनी फसलों में उर्द, मूंग, अरहर तथा चना, मटर, मसूर एवं तिलहनी फसलों में तिल, मूंगफली, राई/ सरसों व अलसी के निःशुल्क बीज मिनीकिट कृषकों में वितरित किये जायेंगे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि दलहन/तिलहन के क्षेत्राच्छादन एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी हेतु केन्द्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजना के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में दलहनी/तिलहनी फसलों के आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु निःशुल्क दलहन एवं तिलहन बीज मिनीकिट वितरण, प्रदर्शन तथा किसान पाठशाला का आयोजन किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक दलहनी फसलों के कुल 8.36 लाख बीज मिनीकिट का वितरण एवं प्रति एकड़ के कुल 57,172 फसल प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे। इसके साथ ही प्रति प्रदर्शन एक किसान पाठशाला का भी आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार तिलहनी फसलों के कुल 26.66 लाख बीज मिनीकिट वितरण एवं प्रति एकड़ के कुल 30,252 संकर सरसों प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे, साथ ही 47,624 किसान पाठशालाओं का भी आयोजन कराया जायेगा।
मंत्री ने कहा कि दलहन बीज मिनीकिट तथा प्रदर्शन कार्यक्रम से वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक कुल 8.93 लाख किसान तथा किसान पाठशाला के माध्यम से कुल 57.17 लाख किसान लाभान्वित होंगे एवं तिलहन बीज मिनीकिट तथा प्रदर्शन कार्यक्रम से कुल 26.96 लाख किसान तथा किसान पाठशाला के माध्यम से कुल 47.62 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक निःशुल्क दलहन बीज मिनीकिट वितरण, प्रदर्शन एवं प्रसार कार्यक्रम के संचालन पर कुल रू0 120.99 करोड तथा निःशुल्क तिलहन बीज मिनीकिट वितरण, प्रदर्शन एवं प्रसार कार्यक्रम के संचालन पर कुल रू0 114.58 करोड़ की धनराशि राज्य सरकार द्वारा व्यय किया जायेगा जिससे वर्ष 2021-22 के दलहनी फसलों के आच्छादन 24.5 लाख हे0 को वर्ष 2026-27 तक बढ़ाकर 28.84 लाख हे० तथा तिलहनी फसलों वर्ष 2022-23 के आच्छादन 20.51 लाख हे० को वर्ष 2026-27 तक बढ़ाकर 22.63 लाख हे० किया जा सकेगा।