रिन्युएवल एनर्जी के क्षेत्र में विनिर्माण, अवस्थापना व रखरखाव में तकनीकी कौशल रखने वाले युवाओं को मिलेगा रोजगार

उत्तर प्रदेश,

रिन्युएवल एनर्जी के क्षेत्र में विनिर्माण,अवस्थापना व रखरखाव में तकनीकी कौशल रखने वाले युवाओं को मिलेगा रोजगार,

न्यूज ऑफ़ इंडिया ( एजेंसी)

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से देश में कार्बन उत्सर्जन को कम करने तथा पर्यावरण के अनुकूल बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए भारत सरकार गैर-परम्परागत स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन को लगातार बढ़ावा दे रही है।अभी संसद में प्ररस्तुत केन्द्रीय बजट में भी इसके लिए बेहतर व्यवस्था की गई है।

विगत दिनों 01 फरवरी को केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश का अंतरिम बजट 2024-25 प्रस्तुत किया, इससे भी रिन्यूएवल एनर्जी के क्षेत्र में नयी संभावनाओं के साथ नये आयाम स्थापित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बजट में वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत देश के एक करोड़ परिवारों के घरों का रूफटॉप सोलराइजेशन की बात की है।

इस योजना से इन परिवारों को 300 यूनिट फ्री बिजली प्रतिमाह मिलेगी। साथ ही मुफ्त सौर बिजली के इस्तेमाल से और बची हुई बिजली वितरण कम्पनियों कोे देने से प्रत्येक परिवार को सालभर में 15000 से 18000 रूपये की बचत भी होगी। यह योजना अयोध्याधाम में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन प्रधानमंत्री द्वारा किये गये संकल्प को भी पूरा करेगी।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उ0प्र0 सरकार ने वाराणसी में दो माह के भीतर 25000 घरों में रूफटॉप सोलर लगाने के अभियान को तीव्र गति से चला रही है, जिसमें लोगों के सहयोग, डिस्काम की पहल और वेन्डर की सुविधा मिलने से इसमें काफी सहयोग मिल रहा। वर्तमान केन्द्रीय बजट मंे 8500 करोड़ रूपये की व्यवस्था सोलर एनर्जी के लिए की गयी है, जो कि पिछले बजट से 170 प्रतिशत अधिक है।

प्रदेश सरकार ने भी विगत दो वर्षों में सोलर एनर्जी के लिए प्रादेशिक बजट में कई बार बढ़ोत्तरी की है। सौर ऊर्जा नीति-2022 में भी प्रदेश के 13.5 लाख परिवारों के घरों को रूफटॉप सोलराइजेशन से आच्छादित करने का लक्ष्य है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्तमान केन्द्रीय बजट में बायो एनर्जी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए परिवहन के क्षेत्र में सीएनजी के स्थान पर चरणबद्ध तरीके से कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) के प्रयोग की बात की गई है। केन्द्र सरकार की मंशानुरूप ही प्रदेश सरकार बायो एनर्जी के क्षेत्र में सीबीजी संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है।

वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 32 सीबीजी संयत्र चालू होने की स्थिति में हैं। साथ ही 100 सीबीजी संयत्र जल्द ही स्थापित किये जायेंगे। प्रदेश सरकार बायोमॉस कलेक्शन मशीनरी की खरीद पर आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। साथ ही बायो एनर्जी नीति के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल और बायो कोल उपक्रम स्थापित करने के लिए 20 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी भी प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट में रिन्युएवल एनर्जी के क्षेत्र में विनिर्माण, अवस्थापना और रखरखाव में तकनीकी कौशल रखने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किये जायंेगे। नवीनकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आपूर्ति और संयंत्रों की स्थापना के लिए बड़ी संख्या में वेन्डर्स को उद्यमिता के अवसर प्रदान करने की बात की गई है। इस दृष्टि से उ0प्र0 सरकार ने भी रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए कुशल कामगार (सूर्यमित्र) तैयार करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है। विगत एक वर्ष में प्रशिक्षित सूर्यमित्रों में से 60 प्रतिशत ने स्वयं के रोजगार व उद्यमिता की शुरूआत भी कर दी है।

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ग्रीन हाइड्रोजन के प्रयोग एवं उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। वर्तमान केन्द्रीय बजट में भी नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 600 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है, जो कि गत वर्ष के बजट से 200 प्रतिशत अधिक है। भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप ही उ0प्र0 सरकार भी ग्रीन हाइड्रोजन नीति शीघ्र जारी करने जा रही है, जिसमें प्रतिवर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी और ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग से वर्ष 2070 तक पर्यावरण की दृष्टि से देश को नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को भी पूरा किया जा सकेगा। इस नीति में रिसर्च और विकास में निवेश को बढ़ावा दिया गया है। साथ ही पूंजीगत व्यय, भूमि की उपलब्धता, विद्युत पारेषण व बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग प्रदान किया जायेगा।

प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में संयत्र स्थापित करने के लिए 20 कम्पनियों से 2.73 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिससे 1.20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor