डीएम ने संयुक्त जिला चिकित्सालय,वार्ड एवं एम.सी.एच. विंग के इमरजेंसी कक्ष का किया आकस्मिक निरीक्षण,डॉक्टर की संविदा समाप्त करने के दिए निर्देश 

कौशाम्बी,

डीएम ने संयुक्त जिला चिकित्सालय,वार्ड एवं एम.सी.एच. विंग के इमरजेंसी कक्ष का किया आकस्मिक निरीक्षण,डॉक्टर की संविदा समाप्त करने के दिए निर्देश,

यूपी के कौशाम्बी डीएम मधुसूदन हुल्गी ने देर रात कान्हा मेडिकेयर सेन्टर, संयुक्त जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड एवं एम.सी.एच. विंग के इमरजेंसी कक्ष का आकस्मिक निरीक्षण किया।

कान्हा मेडिकेयर सेन्टर मंझनपुर के निरीक्षण के दौरान नर्सिंग होम पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं पाये गये। वार्ड ब्वाय/आया उपस्थित थी, जबकि 05 प्रसव जो ऑपरेशन द्वारा हुआ था एवं डा0 रेखा यादव (संविदा) स्त्री रोग विशेषज्ञ, जिला संयुक्त चिकित्सालय कौशाम्बी (मंझनपुर) के द्वारा विभिन्न समयों में पिछले तीन दिन के अन्दर किया गया था इसकी जानकारी प्राप्त हुई।

जबकि डा0 रेखा यादव जिला संयुक्त चिकित्सालय में 09 नवंबर से लगातार अनुपस्थित चल रहीं हैं तथा अपने को अस्वस्थ बता रहीं हैं। डॉ0 रेखा यादव ने 09 नवम्बर 2024 से अपना चिकित्सीय अवकाश प्रधानाचार्य के नाम से प्रेषित किया है, जो अब तक स्वीकृत नहीं हुआ था। वहॉ पर तैनात केयर टेकर द्वारा फोन से बुलाये जाने पर 15 मिनट बाद अपने पति डा0 रमेश यादव एनेस्थेटिस्ट (जो कि जिला संयुक्त चिकित्सालय में ही ई.एम.ओ. के पद पर कार्यरत हैं) के साथ उपस्थित हुईं।

डीएम द्वारा पूॅछे जाने पर अपने को बीमार बतायी, जबकि इनके नर्सिंग होम में एक 1800 ग्राम का बच्चा पैदा हुआ था, जिसके संक्रमित होने की प्रबल सम्भावना थी। इनके अतिरिक्त कोई भी बाल रोग विशेषज्ञ एवं डॉक्टर उपस्थित नही थे।

डा0 रेखा यादव द्वारा सरकारी कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत सेवा नियमावली के विरूद्ध कार्य करने तथा मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हुए पाये जाने पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संविदा समाप्त करने के साथ ही सुसंगत धाराओं के तहत विधिक कार्यवाही करते हुए 03 दिवस के अन्दर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दियें। इसके साथ ही डीएम ने नर्सिंग होम को भी सीज करने के निर्देश दियें।

जिला संयुक्त चिकित्सालय इमरजेंसी कक्ष के निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी कक्ष में एक जूनियर रेजीडेंट, एक इंटर्न, एक फार्मासिस्ट उपस्थित पाये गये। अभिलेखों के अवलोकन से ज्ञात हुआ कि अधिकतर मरीज़ों को सन्दर्भित किया जा रहा है। सन्दर्भन पुस्तिका पर किसी भी चिकित्साधिकारी का हस्ताक्षर नही है, यदि है तो अस्पष्ट। इमरजेंसी में कोई भी पूर्णकालिक चिकित्सक उपस्थित नहीं थे। उनसे पूछने पर बताया गया कि ये कॉल पर रहते हैं, जो सरकार एवं शासन की मंशा के विपरीत हैं। चिकित्सकों के उपस्थित न रहने के कारण पीड़ित मरीज़ों को छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहॉ तक कि अभिलेखों का अवलोकन करने पर मरीज़ों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। जिस पर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर सीएमओ को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दियें।

एम.सी.एच. विंग इमरजेंसी कक्ष के निरीक्षण के दौरान एक जूनियर रेजीडेन्ट डा0 के साथ 05 स्टाफ नर्स उपस्थित थीं। वहॉ पर किसी भी पूर्णकालीक चिकित्सक की ड्यूटी नहीं लगाये जाने के कारण अधिकतर प्रसव वाली महिलाओं को सिर्फ परेशान किया जाता है। सामान्य प्रसव से होने वाली प्रसूता की रिश्तेदार द्वारा अवगत कराया गया कि एक स्टाफ नर्स द्वारा रू0-2100 सुविधा शुल्क के रूप में लिया गया है। मौके पर कई मरीज़ एवं तीमारदार जमीन पर लेटे हुए पाये गये। जूनियर रेजीडेन्ट, स्टाफ नर्स द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नही दिया गया, जिस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा कि यदि चिकित्सक ड्यूटी पर उपस्थित होते तो कई छोटी-छोटी समस्याओं से ग्रसित मरीज़ का समुचित इलाज हो जाता।

उन्होंने इस सम्बन्ध में प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज से भी बात की। उनके द्वारा सही से मॉनीटरिंग न किये जाने एवं बिना अनुमति के कई बार मुख्यालय छोड़ने पर कड़ी फटकार लगाते हुए सुधार लाने के निर्देश दियें। निरीक्षण के दौरान सदम मंझनपुर आकाश सिंह एवं सीएमओ डॉ0 संजय उपस्थित रहें।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor