कौशाम्बी में LUMPY वायरस को लेकर ADM ने पशुओं के परिवहन,पशु मेला एवम गौशालाओं में नए पशुओं के लाने पर पाबंदी के जारी किए आदेश

कौशाम्बी,

LUMPY वायरस को लेकर ADM ने पशुओं के परिवहन,पशु मेला एवम गौशालाओं में नए पशुओं के लाने पर पाबंदी के जारी किए आदेश,

यूपी के कौशाम्बी अपर जिला मजिस्ट्रेट डॉ० विश्राम ने अवगत कराया कि सीमावर्ती राज्यों राजस्थान एवं हरियाणा आदि से प्रदेश के पश्चिमी 15 जनपदों में Lumpy Skin Disease का गोवंश में संक्रमण हुआ है, यह एक विषाणुजनित रोग है, इसका प्रसार प्रभावित पशुओं से वेक्टर आदि के माध्यम से अन्य पशुओं में होता है। इस बीमारी के रोकथाम के लिए पशुपालन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एडवाइजरी एवं पशुपालन विभाग उ0प्र0 सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है।

अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जनपद कौशाम्बी की सीमान्तर्गत Lumpy Skin Disease के रोकथाम एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया की धारा-144 के अन्तर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश पारित किया गया है। उन्होंने बताया कि गोवंश/महिषवंश पशुओं के अन्य जनपदों में परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा तथा विशेषकर पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे पशुओं को हाई-वे, चेकपोस्ट/पुलों आदि पर निगरानी करते हुए पूर्ण रूप से रोका जाय। Lumpy Skin Disease के संक्रमण से पशुओं को बचाने के दृष्टिगत जनपद मे समय-समय पर आयोजित होने वाले पशु मेलों/पशु हाट/पशुपैठ विशेषकर जहां गोवंश/महिषवंश का क्रय विक्रय होता है, उन सभी को अग्रिम आदेशों तक पूर्ण प्रतिबन्धित किया गया हैं।

कौशाम्बी जनपद में अग्रिम आदेशों तक गोआश्रय स्थलों में कोई नया पशु संरक्षित नही किया जायेंगा, यह आदेश नगर निकाय, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत, निजी अथवा स्वयं सेवी संस्था द्वारा संचालित गोआश्रय स्थल/गोशाला पर लागू होगा।अपर जिला मजिस्ट्रेट ने बताया है कि यदि किसी पशुपालन के निजी स्वामित्व के इक्का-दुक्का पशु रोगग्रस्त हैं तो उन्हें वहीं कुछ दूरी पर आइसोलेट किया जाय एवं उपचार के साथ-साथ सेनेटाइजेशन व अन्य पशुओं के लिए निरोधात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की जाय, परिवार के सदस्य आस-पास के अन्य स्वस्थ पशुओं के निकट न जाय। यदि किसी गोआश्रय स्थल अथवा गोशाला में इक्का-दुक्का केस मिलते हैं तो उन्हें वहीं पृथक से कुछ दूरी पर शेड बनाकर संरक्षित किया जाय तथा प्रापर सेनेटाइजेशन किया जाय तथा यह भी सुनिश्चित किया जाय कि स्वस्थ्य एवं रोगी पशुओं के गोसेवको की पृथक टीमें बनाकर सेवा सुश्रुषा की जाय तथा डॉक्टर एवं पैरावेट मॉस्क सेनेटाइजर तथा हैण्ड ग्लब्स का उपयोग करते हुए उपचार करें।

यदि किसी गोआश्रय स्थल एवं गोशाला मे अधिक संख्या मे पशु प्रभावित हैं तो ऐसे पशुओं को निकटवर्ती डेडीकेटेड गो चिकित्सा स्थल में चिन्हित करते हुए वहां शिफ्ट किया जाय एवं समस्त गोशालाओं एवं समस्त गोआश्रय स्थलों में बाहरी आगंतुकों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबन्धित किया जाता है। जिन ग्रामों एवं क्षेत्रों में रोग का प्रभाव/प्रकोप हो, वहां से गोसेवको को गोआश्रय स्थलों पर काम पर न बुलाया जाय। समस्त गोशालाओं/गो संरक्षण केन्द्रों एवं ऐसे रिंग क्षेत्रों जहां पर अभी इस रोग का प्रभाव नही है, वहॉ टीकाकरण समेत समस्त ऐहतियाती उपाय किये जाय।

यह एक विषाणुजनित रोग है, जो कतिपय मख्खी, मच्छर आदि से फैलता है, कीटनाशक का छिड़काव, फॉगिंग, साफ-सफाई, स्वच्छता सुनिश्चित की जाय। रोग प्रकोप के समय पशुपालक अपने पशुओं को सामूहिक चराई के लिए न भेजें। पशुपालक पशु मेला एवं प्रदर्शनी मे अपने पशुओं को न भेजे और न ही प्रभावित क्षेत्रों से पशु खरीद कर लाये। पशुपालक बीमार एवं स्वस्थ पशुओं को एक साथ चारा-पानी न करायें एवं यदि किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को खुले में न फेंक कर उसे वैज्ञानिक तरीके से गड्ढ़ा खोदकर दफनाना सुनिश्चित किया जाय। गोआश्रय स्थल/गोशाला संचालक/पशुपालक रोगी पशु के दूध को बछड़े को न पिलायें। प्रभावित स्थान से 05 किमी0 के दायरे में गोट पॉक्स वैक्सीन से रिंग वैक्सिनेशन करायें एवं पशुपालकों में रोग से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाय यथा-वाल पेन्टिंग, पम्पलेट व मुनादी आदि कराया जाय।

अपर जिला मजिस्ट्रेट ने बताया है कि यह आदेश जनपद के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में एवं जनपद कौशाम्बी में निवास करने वाले तथा जनपद की सीमा में प्रवेश करने वाले समस्त व्यक्तियों पर दिनांक 30 अगस्त 2022 से 10 अक्टूबर 2022 तक सम्पूर्ण जनपद में प्रभावी होगा, विशेष परिस्थितियांे में इस अवधि में इन आदेशों को संशोधित, परिवर्तित अथवा समाप्त किया जा सकता है, इन आदेशों का अथवा इनके किसी भी अंश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor