उत्तर प्रदेश,
खनन निदेशक ने माइन मित्रा के लिए मिले नेशनल ई -गवर्नेन्स एवार्ड के लिए माइन मित्रा टीम,व जिला अधिकारियों को दी बधाई,
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग व माइन मित्रा टीम को माइन मित्रा डिजिटल सिस्टम को डेवलप कर खनन प्रक्रिया में लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा मिले ई-गवर्नेन्स एवार्ड से बारे में सचिव/निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग डॉ रोशन जैकब ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मन्शा के अनुसार उनके कुशल कुशल दिशा निर्देशन में खनिज प्रक्रिया को पूरी पारदर्शी, सुगम व सुलभ बनाने के लिए खनिज विभाग की पूरी टीम द्वारा पिछले 3 साल में ढांचा तैयार किया गया और प्रत्येक अप्लीकेशन को विकसित माइन मित्रा का रूप दिया गया।और इस डिस्टल सिस्टम को लागू करने में सफलता हासिल हुई।
जिसमें जन सुविधाओ, प्रवर्तन, उद्यमियों के लिए सुविधा,और यूपी मिनरल मार्ट एक छतरी के नीचे एक प्लेटफार्म से जोड़ा गया है। इसमें विभागीय टीम के अलावा तकनीकी सहयोग एन आई सी व यूपी डेस्को का प्राप्त हुआ। जिसके लिए डा जैकब ने माइन मित्रा परियोजना की टीम भी बधाई दी है।
डा जैकब ने माइंन मित्रा के सहभागी भागी बने सभी पट्टाधारको ,भंडारकर्ताओं, ट्रांसपोर्टरों और माइंड मित्रा का हिस्सा बने किसानों को इस बात के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है कि उन्होंने इसे लागू करने में अपना उल्लेखनीय सहयोग प्रदान किया। उन सभी के साथ कई राउंड में इसके बारे में विचार विमर्श किया गया ।
उन्होंने कहा है कि माइन मित्रा के सफल संचालन में जिला अधिकारियों की अहम भूमिका है ।जन सुविधा के सभी प्रमुख घटकों का संचालन जिलों से किया जाता है ,जिसमें आवेदन ,प्रोसेसिंग आदि सब कार्य जिला स्तर से होते हैं, इसके लिए जिला अधिकारियों द्वारा बेहतर समन्वय कर सहयोग प्रदान किया गया, जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा आम आदमी को खनिज पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए एक स्वच्छ ,पारदर्शी और बेहतर प्लेटफार्म देने के लिए खनिज प्रणाली विकसित करने के आदेश दिए गए थे ,जिसे साकार करने के लिए यह प्रक्रिया अपनाने की कल्पना की गई और इस सिस्टम को लागू किया जा सका। कहा कि इस सिस्टम को लागू करने का श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है ।
उन्होंने कहा खनन प्रणाली को और अधिक बेहतर, सरल, स्वच्छ और पारदर्शी बनाए जाने के लिए भी आगे भी प्रयास जारी रहेगा ताकि उपभोक्ताओं को उचित दाम पर आसानी से उप खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।