गन्ना किसानों को मिलने वाले कृषि निवेशों के वितरण में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता लाने पर विभाग का फोकस

उत्तर प्रदेश,

गन्ना किसानों को मिलने वाले कृषि निवेशों के वितरण में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता लाने पर विभाग का फोकस,

न्यूज ऑफ इंडिया ( एजेन्सी)

उत्तर प्रदेश की 158 सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं 13 सहकारी चीनी मिल समितियों द्वारा गन्ना कृषकों को प्रत्येक वर्ष लगभग 2.00 लाख मैट्रिक टन रसायनिक उर्वरक, यूरिया, डी.ए.पी. एवं एन.पी.के. आदि कृषि निवेशों का वितरण किया जाता है। वर्तमान व्यवस्था के अन्तर्गत गन्ना समितियों एवं चीनी मिल समितियों द्वारा इन कृषि निवेशों के वितरण से संबंधित लेखा-जोखा एवं अन्य अभिलेखों का रखरखाव मैनुअल तरीके से किया जाता रहा है, जिससे अधिक मैनपावर व कागजी कार्यवाही की अधिकता तो रहती ही है, साथ ही हमेशा ज्यादा जोखिम तथा गोदाम प्रभारी द्वारा हेराफेरी किये जाने की सम्भावनायें भी बनी रहती है।

गन्ना विकास विभाग द्वारा इन समस्याओं के निराकरण के लिये प्रभावी कदम उठाते हुए सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में गन्ना किसानों को कृषि निवेशों के वितरण के लिये निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था के अन्तर्गत मॉड्यूल 04 एवं 05 के तहत‘‘गन्ना निवेश ऐप‘‘ के संचालन हेतु अधिकारियों एवं कार्मिकों के लिये 01 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया।

प्रशिक्षण के लिये ऑनलाईन आयोजितइस कार्यक्रम में ‘‘गन्ना निवेश ऐप‘‘ को प्रदेश के गन्ना किसानों को समर्पित किया गया। यह ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। अपर मुख्य सचिव द्वारा दीप प्रज्जवलन कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न परिक्षेत्रों से ऑनलाईन प्रतिभाग करने वाले विभागीय अधिकारियों एवं गन्ना किसानों को अपर गन्ना आयुक्त(समितियां)डॉ.वी.बी. सिंह द्वारा ‘‘गन्ना निवेश ऐप‘‘ की आवश्यकता एवं उपयोगिता के संबंध में संक्षिप्त व्याख्यान दिया गया। विभाग के आई.टी. अनुभाग द्वारा ‘‘गन्ना निवेश ऐप‘‘ पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।

प्रशिक्षण सत्र में अपर मुख्य सचिव भूसरेड्डी ने ‘‘गन्ना निवेश ऐप‘‘ के संबंध में ऑनलाईन जुड़े प्रतिभागियों से कहा कि विभाग द्वारा कृषि निवेशों के वितरण से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिये प्रभावी कदम उठाते हुए यह महसूस किया गया कि सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों द्वारा वितरित किये जा रहे कृषि निवेशों के वितरण का कार्य भी पारदर्शी तरीके से किया जाये। किसानों को कृषि निवेशों के लेन-देन की त्वरित जानकारी प्राप्त हो सकेगी, समितियों में कृषि निवेशों के गबन आदि की संभावनायें भी नगण्य होंगी और सहकारी संस्थाओं पर किसानों के विश्वास में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि ‘‘गन्ना निवेश ऐप‘‘ के माध्यम से ऑनलाइन उर्वरक वितरण किये जाने से समिति स्तर पर गोदामवार दैनिक आधार पर अथवा किसी निश्चित समय ;त्मंस जपउमद्धपर उर्वरक के स्टॉक की अद्यतन जानकारी समिति के सचिवों एवं गन्ना किसानों को प्राप्त होगी, जिससे समिति सचिव किसी भी समय स्टॉक का भौतिक सत्यापन कर सकता है, फलस्वरूप स्टॉक से छेड़छाड़ की सम्भावना नगण्य हो जायेगी।ऐप के माध्यम से ऑनलाइन कृषि निवेश वितरण होने से कृषक द्वारा उपलब्ध करायी गयी चेक की सूचना सीधे ई.आर.पी. के माध्यम से समिति स्तर पर आ जायेगी, जिससे जिला सहकारी बैंक को रिक्यूपमेंट हेतु समय से सूचना प्रेषित की जा सकेगी। फलस्वरूप उर्वरक वितरण पर समिति को समय से ब्याज अनुदान प्राप्त हो सकेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इस व्यवस्था से कृषक को उर्वरक क्रय करते ही अपनी स्वीकृत ऋण सीमा, उर्वरक क्रय करने में उपयोग की गयी ऋण सीमा तथा अवशेष ऋण सीमा की वास्तविक जानकारी एस.एम.एस. के माध्यम से तुरन्त प्राप्त हो जायेगी।उर्वरक लेखा का ई.आर.पी. के माध्यम से ऑनलाइन रखरखाव होने से जोखिम की सम्भावना भी नगण्य हो जायेगी। ऑनलाइन उर्वरक वितरण से मैनपावर की लागत में तथा कागजी कार्यवाही में कमी आयेगी तथा उर्वरक वितरण में भी पूर्ण पारदर्शिता बनी रहेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न परिक्षेत्रों से जुड़े समस्त संयुक्त एवं उप गन्ना आयुक्तों तथा संबंधित परिक्षेत्रों के गन्ना किसानों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रशिक्षण के संबंध में फीडबैक वार्ता भी की गई।

इस वार्ता में सभी गन्ना परिक्षेत्रों के संयुक्त एवं उप गन्ना आयुक्तों द्वारा प्रशिक्षण में ई.आर.पी. मॉड्यूल 04 एवं 05 के अन्तर्गत ‘‘गन्ना निवेश ऐप‘‘ के संबंध में अपने विचार रखे गये। प्रशिक्षण के उपरांत फीडबैक वार्ता में सहारनपुर के किसान सुधीर कुमार ने कहा कि अपर मुख्य सचिव के पास किसानों के हितों को साधने के लिये दिव्य दृष्टि है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor