कौशाम्बी,
विश्व कैंसर दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का होगा आयोजन,
विश्व कैंसर दिवस हर वर्ष 4 फ़रवरी को मनाया जाता है, यह दिवस कैंसर के प्रति लोगों में जगरूकता लाने इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य कैंसर बीमारी के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से बचाव की समझ को बढ़ाना ही इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है। विश्व कैंसर दिवस मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष की थीम ‘क्लोज द केयर गैप ‘ ( close the care gap ) रखी गई है |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि लगातार गलत एवं अनियमित जीवन शैली जन- जागरूकता न होने के कारण भी लोग इस गंभीर रोग से ग्रस्त हो रहे हैं | जिसके लिए जागरूकता होना बहुत आवश्यक हैं उन्होंने कि 4 फ़रवरी को जनपद में विश्व कैंसर दिवस के तहत विभिन्न आयोजन कर इसकी जागरूकता की जाएगी |
नोडल अधिकारी एन.सीडी सेल डॉ के डी सिंह ने बताया कि जनपद में विश्व कैंसर दिवस में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम किये जायेंगे जिसमे प्रमुखता से जनपद कि समस्त स्वास्थ्य इकाई पर जागरूकता के लिए लीफलेट का वितरण हस्ताक्षर अभियान एवं गोष्ठी की जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोग कैंसर के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके और लोगों को भी इसकी जानकारी दे सके |
कैंसर दिवस मनाने के पीछे कारण
कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य आम जनता में कैंसर की बीमारी के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करना। इसके शुरूआती लक्षण क्या है उसके बारे में लोगों में जागरूकता लाना जिससे लोग सतर्क हो जाएं और सही समय पर उनका सही इलाज मुमकिन हो पाए। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि कैंसर छूने से फैलता है जिसकी वजह से वो कैंसर से जूझ रहे व्यक्ति के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं। कैंसर बीमारी के सम्बंधित फैली गलत धारणाओं को कम करने और इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को मोटिवेट करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
कैंसर के प्रकार एवं लक्षण
सर्विकल कैंसर को ऐसे पहचानें
1. लम्बे समय तक पीरियड्स का चलना,
2. वेजाइना से वाइट डिस्चार्ज होना,
3. पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होना|
रिस्क फैक्टर
ह्यमून पैपिलोमा वायरस, एचआईवी / एड्स ट्रांसप्लांट
ब्रेस्ट कैंसर को ऐसे पहचानें
1. ब्रेस्ट में गांठ होना या पानी निकलना,
2. बगल में सूजन या गांठ होना,
3. ब्रेस्ट के आकार में बदलाव होना |
रिस्क फैक्टर
फैमिली हिस्ट्री, अल्कोहल, मोटापा, स्मोकिंग
ओरल कैंसर को ऐसे पहचानें,
1. मुंह में अल्सर के घाव न भरना,
2. दांतों का कमजोर हो जाना,
3. मुंह में दर्द या गांठ हो जाना
रिस्क फैक्टर
तम्बाकू, सिगरेट, बीड़ी, एचपीवी
लंग्स कैंसर को ऐसे पहचानें
1. तीन हफ्ते से अधिक खांसी रहना,
2. खांसने पर मुंह से ब्लड आना,
3. सांस लेने या खांसने पर दर्द होना |
रिस्क फैक्टर
तम्बाकू, सिगरेट, बीड़ी, आर्सेनिक और कॉपर रसायन के बीच काम करना।