डीएम ने अधिकारियों के साथ गौशालाओ में आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने के सम्बन्ध में की बैठक,चारागाहों में शत-प्रतिशत चारे की बुआई सुनिश्चित कराने के निर्देश

कौशाम्बी,

डीएम ने अधिकारियों के साथ गौशालाओ में आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने के सम्बन्ध में की बैठक,चारागाहों में शत-प्रतिशत चारे की बुआई सुनिश्चित कराने के निर्देश,

यूपी के कौशाम्बी डीएम सुजीत कुमार द्वारा उदयन सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ गौशालाआें में आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने के सम्बन्ध में बैठक की ।बैठक में डीएम ने गौशालाओं के लिए चिन्हित चारागाहों में चारे की बुआई की स्थिति की विकास खण्डवार समीक्षा के दौरान चारागाहों में अपेक्षानुरूप चारे की बुआई न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए सभी खण्ड विकास अधिकारियों, ईओ एवं पशु चिकित्साधिकारियों को आ रही समस्याओं का निराकरण कराते हुए आगामी 15 दिन के अन्दर चारागाहों में शत-प्रतिशत चारे की बुआई सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेंगी।

उन्हांने कहा कि चारागाहों में नेपियर घास की ही बुआई किया जाय। उन्हांने सभी उप जिलाधिकारियों को और चारागाह चिन्हित करने के निर्देश दियें। उन्हांने निर्माणाधीन गौशालाआें की प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा कि निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने आवारा घूम रहें गोवंशों को भी गौशालाआें में संरक्षित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि गोवंशों के आवारा घूमने की शिकायत न आने पाये। उन्होंने सहभागिता योजना के तहत गोवंशां की सुपुर्दगी के कार्य में भी तेजी से प्रगति लाने के निर्देश दियें। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को गौशालाओं का नियमित निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने के निर्देश दियें।

डीएम ने कहा कि शासनादेशानुसार रबी की फसलो की कटाई सन्निकट है, निराश्रित गोवंशां के लिए वर्ष पर्यन्त भूसा की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना है, इसके लिए भूसा बैंक बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के नेतृत्व में एक समिति बनाया जाय, समिति द्वारा दान-दाताओं से दान में भूसा प्राप्त कर संग्रहित कर लिया जाय तथा जन-मानस को प्रेरित कर अधिक से अधिक भूसा दान के रूप में प्राप्त किया जाय, यह अभियान 15 मार्च से 15 मई तक चलाया जाय। उन्होंने कहा कि बड़े दान-दाताआें को सम्मानित करने के साथ ही विभिन्न प्रचार माध्यमों से उनके योगदान को प्रचारित किया जाय, जिससे अन्य लोग भी प्रेरणा प्राप्त कर भूसा दान के लिए अग्रसर हो सकें।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor