उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा ’गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना’ के उद्घाटन समारोह का हुआ आयोजन

उत्तर प्रदेश,

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा ’गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना’ के उद्घाटन समारोह का हुआ आयोजन,

न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा ’गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना’ के उद्घाटन समारोह का आयोजन जे0सी0 गेस्ट हाउस, निराला नगर, लखनऊ में किया गया। उद्घाटन सत्र का आरम्भ वैदिक मंगलाचारण से हुआ। आरम्भ में दीप प्रज्वलन कर वाग्देवी को माल्य एवं दीप अर्पित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 आजाद मिश्र, लखनऊ, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिव भाषा विभाग/कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार, शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के प्रमुख प्रशिक्षक डा0 सुधीष्ट मिश्र, नई दिल्ली तथा कार्यक्रम का संचालन टीकाराम, संस्कृत संर्वधन प्रतिष्ठान नई दिल्ली ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कार्यकारी अध्यक्ष, जितेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में यदि ऊंचा उठना है तो बड़ा कार्य करना चाहिये। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के संस्कृत संस्थान द्वारा अनेक योजनाओं का शुभारम्भ किया गया है, जिससे प्रतिवर्ष अनेक लाभार्थी लाभान्विता हो रहे हैं। संस्कृत भाषा के महत्त्व एवं उपयोगिता पर विशेष बल देते हुये उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान का भवन सभी सुविधाओं के साथ, ऑडिटोरिय से युक्त शीघ्र ही बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ के करकमलों द्वारा सम्पन्न किया जायेगा। सात दिवसीय गृहे-गृहे संस्कृतम् प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर आवासीय संस्कृत प्रशिक्षण शिविर है, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये 150 से अधिक संस्कृत के विद्वानों को पूरे प्रदेश में कार्यक्रम संचालन हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा।

संस्थान के निदेशक, विनय श्रीवास्तव ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्कृत के जन जन तक पहुंचाने के लिये संस्कृत सम्भाषण कक्षा का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे उनके पठन पाठन में सुधार की स्थिति दिखाई दे रही है। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा ऑनलाईन मिस्ड कॉल योजना के माध्यम से अब तक 80260 लोगों को संस्कृत संभाषण सिखाया जा चुका है। प्रतिवर्ष संस्कृत सम्भाषण में संस्कृत जिज्ञासुओं की संख्या संस्कृत के प्रति उनकी रुचि को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान जिस तरह नित नई प्रगति कर रहा है, वैसे ही संस्कृत को नित नई प्रगति की राह पर चलने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो0 आजाद मिश्र ने कहा कि भारतीय अपने गौरवशाली इतिहास को भुलने लगे हैं। श्रीमिश्र ने उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के दीर्घ अनुभव को साझा करते हुये संस्थान के कार्याे की भूरिशः प्रशंसा की।
कार्यक्रम में आमंत्रित डॉ0 सुधीष्ट मिश्र ने संस्थान द्वारा भव्य स्तर संचालित सरल संस्कृत संभाषण योजना तथा समस्त कर्मचारियों के प्रति आभर प्रकट करते हुए भूरिशः प्रशंसा की। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन जगदानन्द झा, प्रशासनिक अधिकारी ने कियाइस अवसर संस्कृत संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिनेश मिश्र, आदि सभी का सहयोग अतीव सराहनीय रहा।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor