श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से धुल जाते हैं जन्मों के पाप:व्यास जी अखिलेश

कौशाम्बी,

श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से धुल जाते हैं जन्मों के पाप:व्यास जी अखिलेश,

यूपी के कौशाम्बी जिले के सिराथू के कैथन बाग मोहल्ले में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक ने द्रोपदी चीर हरण के प्रसंग का वर्णन किया।कथा व्यास ने श्री मद् भागवत महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कलयुग में मनुष्य श्री मद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जन्मों के पाप धुल जाते है।

कथा व्यास आचार्य डॉ अखिलेश महराज ने पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं से बताया कि जब पांडव द्रोपति को हर गए तब दुर्योधन के आदेश पर दुशासन ने द्रोपति को निर्वस्त्र करना चाहा और चीरहरण करने लगा तब द्रोपति नहीं इस जगत के पालनहार श्री कृष्ण भगवान को याद किया और कहा कि हे कान्हा मेरी लाज बचा लो द्रोपति के पुकार पर भगवान वहां पहुंचे हो अपने हाथों से इतनी जीत बढ़ा दी की दुशासन थक हार कर जमीन पर गिर पड़ा और द्रोपति के शरीर से कपड़े नहीं हटे कथावाचक ने कहा कि श्री श्री कृष्ण इस जगत के पालनहार है वह जरा ही भक्ति पर अपने भक्तों से खुश हो जाते हैं और हर विपत्ति का नाश करते है। हर व्यक्ति किसी न किसी देवताओं की पूजा करते हैं और जो सच्चे मन से पूजन अर्चन करते हैं वह सीधा प्रभु से जुड़ जाते हैं। बगैर भगवान की भक्ति के मनुष्य का जीवन व्यर्थ है इसलिए अपने जीवन को सफल बनाने के लिए हर व्यक्ति पूजन अर्चन करें और समय आने पर श्रीमद् भागवत कथा को सुनें। श्रीमद् भागवत कथा के महात्म्य का सुन श्रद्धालु भगवान की भक्ती में सराबोर हो गए। कथा का समापन आरती से किया गया। इस मौके पर यजमान सरजू प्रसाद पांडेय, श्रीमती गिरजा पांडेय के साथ कथा आयोजक अनिरूद्ध पांडेय सहित सैकड़ो भक्त मौजूद रहे। जय श्री कृष्ण के जयघोष से कथा पंडाल गुंजायमान हो उठा।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor