लुटे हुए क़ाफ़िले की याद में कौशाम्बी में निकाला गया अमारी जुलूस,मोहर्रम के आखिरी जुलूस में उमड़ा अकीदतमंदों का जनसैलाब

कौशाम्बी

लुटे हुए क़ाफ़िले की याद में कौशाम्बी में निकाला गया अमारी जुलूस,मोहर्रम के आखिरी जुलूस में उमड़ा अकीदतमंदों का जनसैलाब,

 

नगर पंचायत करारी स्थित हजरतगंज मोहल्ले के हुसैनिया शरीफाबाद में जुलूस ए अमारी का आयोजन किया गया।इसकी शुरुआत तेलावत ए कुरआन से मोहम्मद जवाद ने किया। इसके बाद मौलाना ज़मीर हैदर ने पहली मजलिस को खेताब कर अहले हरम के लुटे हुये काफिले की मुसीबत बयां किया इसे सुनकर अजादार रोते बिलखते रहे।


शुक्रवार को क़स्बे के हजरतगंज वार्ड के हुसैनिया शरीफबाद में अंजुमने असगरिया के तत्वावधान में जुलूस ए अमारी का आयोजन किया गया। मजलिस के बाद जावेद अमीर रिज़वी ने तक़रीर करते हुए स्याह परचम,अलम हज़रत अब्बास, ज़ुलजनाह ,गहवारा अली असगर और जनाबे ज़ैनब,उम्मे कुलसूम और जनाबे फिज़ज़ा की अमारियाँ बरामद हुईं। इसके बाद मीसम गोपालपूरी ने नौहा पढ़ा-ये सकीना ने कहा कब वतन जाएंगे हम–खाक पर कैसे भला हाय सो पाएंगे हम। इस नौहे पर अजादारों ने सीना जनी कर अपनी अकीदत का इज़हार किया। इसके बाद कब्रे सकीना पर मौलाना जवाद हैदर जवादी ने तक़रीर की। अजादारों ने कब्रे सकीना की नम आंखों से ज़्यारत की। इसके बाद ऐतिहासिक नौहा पढ़ सैफ रिज़वी, मोहसिनऔर नजफ ने –खाक पा बीबी न सो-बाली सकीना उठो। जुलूस आहिस्ता आहिस्ता पुराने रास्ते से होता हुआ शिया जामा मस्जिद पहुंचा जहां मौलाना अलमदार हसनैन रिज़वी ने तक़रीर की इसके बाद इमाम हसन अस्करी का ताबूत बरामद हुआ। आखिरी तक़रीर जनाब हसन मोहम्मद साहब ने किया। इसके बाद जुलूस को नम आंखों से अज़ादारो ने रुखसत किया। जुलूस का संचालन हुसैन रिज़वी ने किया

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor