भरवारी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन झूमे भक्त,किया भक्ति का रसपान

कौशाम्बी,

भरवारी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन झूमे भक्त,किया भक्ति का रसपान,

यूपी के कौशाम्बी जिले के भरवारी कस्बे में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास अतुल कृष्ण भार्गव (वृंदावन धाम) ने सुदामा चरित्र के साथ श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया। भगवान के जन्म की कथा सुन श्रोता झूम उठे। भगवान की बाललीला का वर्णन सुन कथा पंडाल जय श्रीकृष्ण के जयकारे से गुंजायमान हो उठा। देखते ही देखते लोग भक्ती में सराबोर हो उठे और पंडाल में झूमने लगे।

कथा व्यास आचार्य अतुल कृष्ण भार्गव महराज ने श्रीराम एवम श्री कृष्ण जन्म की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे।भगवान का जन्म होते ही अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल छा गया। चहुंओर बधाई गीत बजने लगे। कहा भी भगवान राम ने पृथ्वी लोक आने के बाद धर्म की स्थापना की थी। आज का व्यक्ति भले की ईश्वर की सत्ता को मानने से इंकार कर दे लेकिन एक न एक दिन उसे ईश्वर की महत्ता को मानना ही पड़ता है। संसार में जितने भी असुर हुए सभी ने ईश्वर को नाकार स्वयं को भगवान समझने लगे थे। ईश्वर की सत्ता की एक झलक ने सभी का आस्तित्व धरा से ही समाप्त कर दिया। अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन धर्म के मार्ग पर चलने वाले के आगे अधिक समय नहीं टिक सकता है। इसके बाद कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा के साथ उनकी बाल लीलाओं का संगीतमयी वर्णन किया।

आचार्य व्यास जी ने कहा कि जन्म भगवान कृष्ण का जन्म हुआ तो मथुरा के राजा कंस की सुरक्षा भी कुछ नहीं कर सकी। भगवान श्री राम व श्री कृष्ण की बाललीला का वर्णन सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। जय श्री राम के जयघोष से पंडाल गुंजायमान हो उठा। उन्होंने कहा कि बैकुंठ आदि लोको में न ही यज्ञ होते है और न ही कथा आदि होती है,ऐसे आयोजन इसी भारत में होते है।इस मौके पर आयोजक सुंदर लाल गुप्ता,संजय गुप्ता सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor