कौशाम्बी
नारद मोह के साथ शुरू हुई उदिहीन बाजार की दस दिवसीय रामलीला,
सिराथू तहसील क्षेत्र के उदहिन बाजार में आयोजित हुई दस दिवसीय रामलीला के पहले दिन नारद मोह की लीला हुई। कामदेव पर विजय पाने के बाद नारद जी को अपने ऊपर घमंड हो गया। नारद जी राजा शील निधि की कन्या विश्व मोहनी की सुंदरता पर मुग्ध होकर उससे विवाह की इच्छा जताई। विश्व मोहनी से विवाह की इच्छा लेकर नारद जी भगवान विष्णु जी के पास गए और भगवान विष्णु से अपने जैसे सुंदर चेहरे की मांग की। भगवान विष्णु जी नारद जी को हुए मोह को तुरंत पहचान लिया। उन्होंने हंसते हुए उन्हें कहा कि आपका चेहरा सुंदर हो गया है। इसपर नारद जी विश्व मोहनी के पास गए और विवाह की इच्छा जताई। विश्व मोहनी नारद जी के शक्ल को देखकर हंसने लगी और बोली कि तुम्हारी शक्ल तो बंदर जैसी है। इतना सुनते ही नारद जी क्रोधित हो गए और भगवान विष्णु के पास जाकर भगवान विष्णु से इस छल के लिए श्राप दे दिया। क्रोधित होकर नारद जी ने भगवान विष्णु से कहा कि जिस तरह मै पत्नी के वियोग में दुखी हूं , उसी तरह तुम भी पत्नी वियोग से दुखी होगे और यही बन्दर तुम्हारी सहायता करेंगे।
जय मां सिंह वाहिनी रामलीला कमेटी के द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक अजय सोनी ने आए हुए भक्त जनों एवं रामलीला के कलाकारों का स्वागत करते हुए उनका धन्यवाद जताया। उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के कई जनपदों से आए हुए तमाम रामलीला के कलाकारों के सुंदर मंचन की रामलीला प्रेमियों ने सराहना की। इस अवसर पर जीतू केसरवानी, डॉ राजेंद्र प्रसाद, बृजेन्द्र तिवारी, ग्राम प्रधान दशरथ प्रधान, कल्लू केसरवानी, राम बाबू सोनकर, विजय कुमार मौर्य, उमेश सिंह, शिव सिंह पटेल, हिमांशु केसरवानी, विकास मिश्रा, शफीक अहमद आदि मौजूद रहे।