उदहिन बुजुर्ग बाजार में चल रही दस दिवसीय रामलीला के चौथे दिन अहिल्या उद्धार की हुई लीला

कौशाम्बी

उदहिन बुजुर्ग बाजार में चल रही दस दिवसीय रामलीला के चौथे दिन अहिल्या उद्धार की हुई लीला,

अहिल्या उद्धार लीला प्रसंग के मुताबिक राम लक्ष्मण विश्वामित्र मुनि के आश्रम जाकर राक्षसों का बध किया एवं यज्ञ सफल कराया। इसके बाद विश्वामित्र मुनि को राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयंवर की सूचना मिली। इस सूचना को पाकर विश्वामित्र मुनि राम एवं लक्ष्मण को सीता स्वयंवर देखने जनक पुर चलने को कहा। दोनों भाइयों की इच्छानुसार विश्वामित्र मुनि अपने आश्रम से राम लक्ष्मण को साथ लेकर जनकपुर की ओर चल पड़े। रास्ते में एक विशाल शिलापट दिखाई दिया। भगवान राम जी के पुंछने पर विश्वामित्र मुनि ने उन्हें गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के शिलापट स्वरूप में होने की कथा बताई और भगवान राम से शिलापट को अपने चरण से स्पर्श करने को कहा। विश्वामित्र की इच्छानुसार भगवान राम ने अपने चरण से शिलापट का स्पर्श किया। जैसे ही भगवान राम के चरण शिलापट पर पड़े, एक सुंदर युवती शिलापट से प्रकट हो गई और भगवान राम की स्तुति करने लगी। इस प्रकार भगवान राम ने अहिल्या का उद्धार किया। इसके बाद विश्वामित्र मुनि के साथ भगवान राम एवं लक्ष्मण राजा जनक की नगरी जनकपुर की ओर चल पड़े। जनकपुर पहुंचकर सभी ने जनकपुर की सुंदर शोभा देखी।

रामलीला मंचन के चौथे दिन राम भक्तों की पंडाल परिसर में भारी भीड़ रही। रामलीला आयोजक अजय सोनी जिला पंचायत सदस्य ने सभी भक्तो के कल्याण एवं प्रगति के लिए भगवान से प्रार्थना की। इस मौके पर अजय सोनी ने बताया कि आगामी एक नवम्बर सोमवार एवं दो नवम्बर मंगलवार को धनतेरस पर्व पर उदहिन बाजार में दो दिवसीय रात्रिकालीन दशहरा मेला का आयोजन किया जाएगा। मेले में आने वाले सभी दुकानदारों को निशुल्क दुकान लगाने की सुविधा दी जाएगी। इस मौके पर जीतू केसरवानी, रामबाबू सोनकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, बृजेन्द्र तिवारी, कल्लू केसरवानी, दशरथ प्रसाद दिवाकर प्रधान, उमेश सिंह, नरेंद्र दुबे, सोहन मौर्य आदि मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor