नंदी वाणी पब्लिक स्कूल भरवारी मे बच्चों ने धूमधाम से मनाया नाग पंचमी(गुड़िया) का त्योहार

कौशाम्बी,

नंदी वाणी पब्लिक स्कूल भरवारी मे बच्चों ने धूमधाम से मनाया नाग पंचमी(गुड़िया) का त्योहार,

बारिश के मौसम मे जगह जगह पानी एकत्र होने के कारण संक्रामक रोग फैलाने वाले विषाणुओं का जन्म बहुतायत मे होता है। जबकि नीम का पेड़ अपने आप मे एक सुपर हाइजीनहै, इस पेड़ की क्या छाल, क्या जड़, पत्तियां, क्या फल तथा उससे निकलने वाला तेल हर अंग रोगाणुओं व विषाणुओं को पूरी तरह समाप्त करने की क्षमता रखता है। इसीलिए सनातन संस्कृति के मनीषियों व ऋषि-मुनियों ने जीवन को उल्लासमय व हानिरहित बनाने के लिए ही व्रत, पर्व, त्योहार आदि की परम्परा चलाई थी। नाग पंचमी भी एक ऐसा ही त्योहार है। जिसमे बरसात मे मौसम मे उपजे रोगाणुओं को समाप्त करने के लिए घर की लड़कियों द्वारा मानसिक बुराई व नकारात्मक शक्तियों की प्रतीक कपड़े की बनाई गई गुड़िया फेक देती हैं जिसे नीम की टहनियों से गली-मुहल्ले मे लड़के खूब पीटते है और इस प्रकार आस-पास भरी संख्या मे पनप चुके रोगाणु समाप्त हो जाते हैं।

नाग पंचमी के पर्व पर भरवारी स्थित नंदी वाणी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भी गुड़िया अर्थात नाग पंचमी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया। छात्राएं अपने घर से गुड़िया बनाकर लाई थी जिसे घर से ही लाये प्राइमरी कक्षाओं के छात्रों ने साथ लाये नीम की टहनियों से खूब पीटा और उल्लास भरे त्योहार का आनंद उठाया। स्कूल बच्चों मे अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए, उसकी उपयोगिता का प्रसार करने के लिए हर वर्ष प्रत्येक त्योहार को स्कूल परिसर मे ही बच्चों को साथ हिल मिलकर मनाने के अवसर देता है जिससे समाज मे सौहार्द्र बढ़े, ईर्ष्या-द्वेष मे कमी आए।

स्कूल की प्रबंधिका ज्योति ने कहा कि सनातन संस्कृति कोई दो चार दिन मे कोई नियम बना देने से नहीं जन्मी, इसमे मनीषियों ने हजारों साल के अनुभव के बाद परम्परायेँ शुरू की हैं, हम जितना इस संस्कृति से दूर होंगे, उतने ही प्राकृतिक विनाश के करीब होते जायेंगे। इसलिए हमे अपनी विरासत सहेज कर रखनी है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor