राज्य शिक्षक पुरस्कार कार्यक्रम का हुआ सजीव प्रसारण,डीएम ने सभी शिक्षकों को दी हार्दिक शुभकामनायें

कौशाम्बी,

राज्य शिक्षक पुरस्कार कार्यक्रम का हुआ सजीव प्रसारण,डीएम ने सभी शिक्षकों को दी हार्दिक शुभकामनायें,

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर लोकभवन, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित 94 शिक्षकों को सम्मानित किया। इसका सजीव प्रसारण उदयन सभागार में आयोजित समारोह में किया गया तथा उपस्थित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के सम्बोधन को सुना।

डीएम सुजीत कुमार ने समारोह को सम्बोधित करते हुए शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री के दिये गये मार्गदर्शन का पूर्णतः अनुपालन करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में सभी पैरामीटर्स में अच्छा कार्य कर जनपद कौशाम्बी का नाम रोशन करेंगे।

उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का महत्वपूर्ण कड़ी है, शिक्षकों की मेहनत का ही फल है कि आज हम सब लोग इस स्तर पर पहुॅचे हैं। अपने छात्र-छात्राओं को इसी प्रकार की शिक्षा प्रदान करें, जिससे वे अपने जीवन में नई ऊॅचाइयों को प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में भी बहुत अच्छा कार्य किया जा सकता हैं। उन्हांने शिक्षकों से कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहें अच्छे कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय, जिससे अन्य लोग भी लाभान्वित हों सकें। उन्हांने कहा कि शिक्षक अपने शैक्षिक कार्यों को जॉब के रूप में न मानकर बल्कि एक समाज सेवक के रूप में कार्य करें।

डीएम ने कहा कि बच्चों में सोचने, समझने तथा वैज्ञानिक सोंच जागृत करें। बच्चों को अधिक से अधिक सवाल पूॅछने के लिए प्रेरित किया जाय, बच्चों को हतोत्साहित न किया जाय। बच्चें जब सवाल पूॅछते हैं तो कोई सवाल ऐसा भी होता है, जिसका जवाब हम सबको भी पता नहीं होता है, तो बच्चों को हतोत्साहित न कर सवाल का जवाब पता कर बच्चों को बताया जाय, इससे बच्चों की जिज्ञासा बढ़ती चली जाती है। बच्चों में व्यवहारिक तरीके से सोचनें व समझने की भी समझ विकसित किया जाय।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कक्षा में 04-05 बच्चें ऐसे होते हैं, जिनमें सोंचने की उच्च क्षमता होती है, उन बच्चों को प्रोत्साहित किया जाय, बच्चों को रोका न जाय, बल्कि बच्चों को जिज्ञासु बनाया जाय। उन्हांने गणितज्ञ रामानुज का उदाहरण देते हुए बताया कि रामानुज को गणित विषय में बहुत रूचि थी, उनके शिक्षकों ने उन्हें रोका नहीं बल्कि प्रोत्साहित किया, जिसका परिणाम है कि मात्र 15-16 वर्ष की आयु में ही रामानुज ने गणित के क्षेत्र में जो फार्मूला दिये, उस पर आज भी शोध किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 रवि किशोर त्रिवेदी, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कमलेन्द्र कुशवाहा, प्राचार्य डायट भारती त्रिपाठी एवं वरिष्ठ प्रवक्ता अनिरूद्ध कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी व शिक्षक उपस्थित रहें।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor