दारानगर की ऐतिहासिक रामलीला में भगवान राम के वनवास जाते ही दर्शकों के छलके आंसू

कौशाम्बी,

दारानगर की ऐतिहासिक रामलीला में भगवान राम के वनवास जाते ही दर्शकों के छलके आंसू,

यूपी के कौशाम्बी जिले के दारानगर के शादीपुर स्थित आदर्श तालाब में गंगा पूजन की लीला अपने परंपरा के अनुसार 244 वर्षों से श्री रामलीला कमेटी दारानगर की छठवें दिन की लीला हुई। महारानी कैकेई के राजा दशरथ से दो वचन मांगने और भगवान राम के साथ माता सीता,अनुज लक्ष्मण के वनवास प्रस्थान करने की लीला हुई। श्री रामलीला कमेटी दारानगर ने भगवान राम का चौदह वर्ष के वनवास जाने,दशरथ-सुमंत संवाद एवम केवट निषाद राज गुह की चौपाई के साथ संवाद हुआ

राजा दशरथ के आदेश पर भगवान राम का सीता व लक्ष्मण के साथ वनवास चले जाते हैं।तत्पश्चात केवट संवाद कराया गया। जिसमें प्रभु राम को गंगा पार जाने के लिए नाव की जरूरत थी तो वहीं केवट उनके चरणों को पखारने के लिए आतुर था। इसी संवाद में बैठे दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। केवट द्वारा कहा गया ‘कुछक तुमऊ काले, कछुक हमऊ काले, आज खूबईं मिलाए दो काले-काले।’ इसी प्रसंग को लेकर राम व केवट के बीच जमकर तकरार होती रही।

अंत में ‘सुन केवट के बैन, प्रेम लपेटे अटपटे, बहसै करूना अयन, चितय जानकी लखन तनय’ के साथ प्रभु राम केवट की जिद को स्वीकार कर अपने चरणों को धुलवाकर नाव से उस पार चले गए। इससे पूर्व, प्रभु श्री राम ने मंत्री सुमंत को वहीं से वापस भेज दिया। सुमंत के अकेले वापस आने की सूचना जैसे ही राजा दशरथ को मिली, उसी समय उन्होंने अपने प्राणों का परित्याग कर दिया। जब यह समाचार भरत तथा शत्रुघ्न को भेजा गया, तो वह अपने ननिहाल से अयोध्या आए और अपने बड़े भाई श्रीराम को न देखकर दु:ख प्रकट किया।

कल की लीला के विषय में श्रीराम लीला कमेटी के महामंत्री योगेंद्र मिश्र ने कल की लीला के विषय में बताया कि प्रभु श्री राम को मनाने के लिए महराज भरत अपने अनुज शत्रुघ्न के साथ पूरी अयोध्या की सेना लेकर दारानगर के हरबंशा में प्रस्थान कर भरत मिलाप का कार्यक्रम होगा।जहां लक्ष्मण द्वारा शूर्पनखा के नाक काटने की लीला संपन्न होगी।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor