कड़ा धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में धुंधकारी, गोकर्ण और आत्मदेव की कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता

कौशाम्बी,

कड़ा धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में धुंधकारी, गोकर्ण और आत्मदेव की कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता,

यूपी के कौशाम्बी जिले के नगर पंचायत दारानगर कड़ा धाम कस्बे के म्योहरा में मंगलवार को श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन वेदी पूजन के साथ कथा व्यास ने धुंधकारी, गोकर्ण और आत्मदेव की कथा का संगीतमयी वर्णन किया। भागवत कथा सुन श्रोता भाव विभोर हो गए।

कथा का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास आचार्य अखिलेश जी महाराज ने भक्तों को भागवत कथा का रसपान कराते हुए धुंधकारी व गोकर्ण कथा का वर्णन किया। कहा कि सनकादि ऋषि ने नारद और भक्ति के पुत्रों को प्राचीन आत्मदेव की कथा से आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी को प्रेतयोनि से मुक्ति का साधन बताया। कहा कि श्रीमद् भागवत कथा पुराण का आयोजन प्राय: सभी लोगों के सहयोग से होता है। श्रीमद् भागवत कथा के छह अध्याय है इसके मुख्य पात्र सूतजी, शौनक जी, आदि ऋषि, व्यासजी, नारदजी, सुकदेव जी, धुंधकारी व गोकर्ण है।

उन्होंने बताया कि नारद जी जब पृथ्वी पर आते है तो दशा देख दुखी हो जाते है तब यमुना के तट पर उन्हें एक स्त्री दिखाई देती है पूछने पर पता चलता है कि वह भक्ति है। उसके साथ दो पुत्र भी मिलते है एक ज्ञान व दूसरा वैराग्य। भक्ति के आग्रह पर नारदजी दोनों पुत्रों को जगाते हैं। कलयुग में धर्म की स्थापना के लिए भक्ति, ज्ञान और वैराग्य को भागवत कथा का माहात्मय बताया गया है। धुंधकारी, गोकर्ण के साथ आत्मदेव की कथा सुन श्रोता भाव विभोर हो उठे। जय श्री कृष्ण के जयघोष से पंडाल गुंजायमान हो उठा।

इस मौके पर यजमान कुसुम देवी, ओम तिवारी के साथ महादेव सेवा समिति के दीपक कुमार, पुण्डरीक पांडेयख् अनिरूद्ध पांडेय अतुल तिवारी, नमो नारायण तिवारी, शैलेन्द्र तिवारी चन्द्रमा प्रकाश पाण्डेय, गंगा प्रसाद पांडे आदि मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor