दीपावली पर नन्दी वाणी पब्लिक स्कूल मे रंगोली प्रतियोगिता में बच्चों ने रंगोंली मे उकेरी अपनी कलात्मक अभिरुचि,दक्षता व एकाग्रता

कौशाम्बी,

दीपावली पर नन्दी वाणी पब्लिक स्कूल मे रंगोली प्रतियोगिता में बच्चों ने रंगोंली मे उकेरी अपनी कलात्मक अभिरुचि,दक्षता व एकाग्रता,

रोशनी का महापर्व दीपावली जिसे साफ-सफाई और साज-सज्जा के साथ मनाने की परम्परा है पूरे देश मे यह पर्व बड़े उत्साह व धूमधाम से मनाया जाता है रात मे हर घर मे सैकड़ों टिमटिमाते दिये एक अलग ही मनमोहक नजारा प्रस्तुत करते हैं विघ्न विनाशक देव गणेश जी और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा से पहले घरों में अल्पना-रंगोली भी सजाई जाती हैं और पूरे घर मे हर कोने मे दिये जलाकर रोशनी की जाती है ।

गणेश-लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने के बाद मिठाईयाँ व पकवान खाकर इस महापर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है अपने इष्ट-मित्रों को उपहार देने की भी परंपरा है मान्यता है कि लंकापति रावण का वध करके चौदह वर्ष का वनवास पूरा होने के बाद इसी दिन भगवान राम पत्‍‌नी सीता व अनुज लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे तो पूरे अयोध्यावासियों ने दीपोत्सव मनाया था और तब से प्रकाश का यह पर्व मनाया जाने लगा।

भरवारी स्थित नन्दी वाणी पब्लिक स्कूल मे हर साल बच्चों को दीपावली पर्व मे दीयों को कलात्मक ढंग से सजाने, अल्पना-रंगोली सजाने तथा घर की अनुपयोगी वस्तु को बेकार समझ कर फेंकने के बजाय साज-सज्जा की वस्तु बनाने की प्रतियोगिताये आयोजित की जाती है जिससे बच्चो मे अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ-साथ घर की स्वच्छता सुंदरता पर ध्याना देने की भावना बलवती होती है

स्कूल मे अल्पना-रंगोली सजाने की प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें बच्चों ने अपनी प्रतिभा और अभिरुचि को नये पंख दिये प्रबंधिका ज्योति ने बच्चों को निर्देशन देते हुये कहा की अल्पना-रंगोली सजाने मे बहुत एकाग्रता की जरूरत होती है इस प्रतियोगिता से आप सबमे एकाग्र होकर कार्य पूरा करने की इच्छा का विकास होता है जो पूरे मनोयोग से पढ़ाई करने मे सहायक सिद्ध होगा उन्होंने बच्चों को पटाखो से दूर रहने की भी सलाह दी बताया कि पटाखो से न केवल दुर्घटना मे घायल होने का खतरा होता है बल्कि पटाखो के जलने पर निकलने वाले धुये से भी स्वास्थ्य प्रभावित होता है प्रधानाचार्य ललित चौरसिया ने कहा कि चाहे खेलकूद प्रतियोगिता हो या कोई अन्य प्रतियोगिता अथवा वार्षिकोत्सव अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम सब बच्चों की कुशलता व दक्षता मे वृद्धि के लिये ही आयोजित होते हैं बच्चों की सजाई गई रंगोली देखते ही बनती थी।

रंगों का ऐसा अद्भुत संयोजन कि निगाहें रंगोली से हटती ही नही थी प्रतियोगिता मे सान्या सोनी,अंकिता,अनामिका,काजल,पंखुडी,सौम्या,अन्नया, श्रद्धा,अवंतिका,हर्षित,अनुराग,यश,पुष्पेंद्र,सूजल,ऋषभ,राजशेखर,अनय,तेजस, अनुज अमन ओझा सहित कई छात्र-छात्राओ ने हिस्सा लिया यह प्रतियोगिता रेहान अंसारी,पुष्पा,अनंदिता,रेनु केसरवानी,तन्वी रस्तोगी,अर्चना,अनामिका,सीरीन फात्मा,दीक्षा, सनीता,समी़क्षा,पारुल सिंह,सचिन गुप्ता,पायल,विवेक,सूरज आदि शिक्षक / शिक्षकाओ की देखरेख मे सम्पन्न हुई।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor