शतचण्डी महायज्ञ के तीसरे दिन हुआ धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, यज्ञ में दी गई आहूतियां

कौशाम्बी,

शतचण्डी महायज्ञ के तीसरे दिन हुआ धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, यज्ञ में दी गई आहूतियां,

यूपी के कौशाम्बी जिले के दारानगर कस्बे के महादेव मंदिर के सामने चल रहे शतचण्डी महायज्ञ के तीसरे दिन विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

स्वामी गोपालाचार्य जी महराज ने बताया कि तीसरे दिन आयोजित किए गए धार्मिक कार्यक्रमों के अंतर्गत यथाक्रम मंडप पूजन, गणेश पूजन, षोडश मातृ पूजन, नवगृह पूजन, वास्तु पूजन, अग्नि पूजन, 52 भैरव व 64 योगिनी पूजन किया गया। यजमानों ने दशोविधि स्नान कर मंडप पूजन किया।शतचण्डी महायज्ञ के अंतर्गत मंदिर में दो चरणों में यज्ञ का आयोजन किया गया, जो देर शाम तक चलता रहा।

यजमानों की ओर से पंडितों के सानिध्य में दुर्गा सप्तशती के 20 पाठ के साथ यज्ञ में आहूतियां दी गई। तीसरे दिन की शाम तक दुर्गा सप्तशती के कुल 60 पाठ किए गए।तीन मुख्य यजमान इस शत चण्डी महायज्ञ में हैं।इनके अलावा एक दिवसीय यजमान के रूप में सोमेश्वर तिवारी डीजीसी क्रिमिनल,मनीष मोदनवाल ने अपनी पत्नी के साथ यज्ञ में विधि विधान से पूजन अर्चन किया।

साथ में चल रही तीसरे दिन श्री मद भागवत देवी महापुराण की कथा में कथा व्यास डॉ0 कृष्ण देवाचार्य ने बताया कि माता-पिता की सेवा करना ही सच्ची सेवा है।कितनी ही विपरीत परिस्थिति क्यों न आ जाएं, जीवन में सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए।उन्होंने कहा कि देवी भगवती जगत की मां हैं, जो भी मां की शरण में आता है उसका कल्याण होता है। उन्होंने कहा पति-पत्नी को कभी भी लड़ना नहीं चाहिए। दोनों ही जीवन के दो पहिए हैं। दोनाें को मिल-जुलकर जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्हाेंने देवी के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन किया। कहा कि देवी सर्वशक्तिमान है। जब जब धरती पर पाप बढ़े हैं, मां भगवती ने अलग-अलग रूपों में अवतार लिया। कई लोग बुढ़ापे में माता-पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं। ऐसे लोगों को अनेक जन्माें में घोर दुख भोगने पड़ते हैं। मां भगवती भक्तों को सांसारिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष प्रदान करने वाली है।विशेष आरती के साथ तृतीय दिवस की कथा का समापन हुआ।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor