14000 किलोमीटर का सफर तय कर कौशाम्बी पहुँची डॉ. किरण सेठ की एकल साइकिल यात्रा,हुआ स्वागत

कौशाम्बी,

14000 किलोमीटर का सफर तय कर कौशाम्बी पहुँची डॉ. किरण सेठ की एकल साइकिल यात्रा,हुआ स्वागत,

प्रख्यात शिक्षाविद् और पद्म श्री सम्मानित, 74 वर्षीय डॉ. किरण सेठ, जो SPIC MACAY के संस्थापक और IIT-दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर एमेरिटस हैं, वे अपनी अखिल भारतीय “एकल साइकिल” यात्रा के तहत आज भवंस मेहता विद्याश्रम भरवारी कौशाम्बी पहुँच चुके है, जहां पर कालेज के प्रधानाचार्य संजय कुमार श्रीवास्तव ने माल्यार्पण एवं अंग वस्त्र पहनकर उनका स्वागत किया

इस दौरान समस्त बच्चों को डॉक्टर सेठ ने अनेक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कला एवं संस्कृति से जुड़ने के लिए प्रेरित किया एवं अपने अनुभव को छात्रों के बीच साझा किया।एक महान व्यक्तित्व एवं सीक्षाविद के भवन्स मेहता विद्याश्रम भरवारी कौशांबी में आगमन को लेकर निदेशक श्री संदीप सक्सेना, ट्रेजरर डॉक्टर प्रशांत अग्रवाल एवं प्रधानाचार्य श्री संजय कुमार श्रीवास्तव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

डॉक्टर सेठ ने यह यात्रा 15 अगस्त 2022 को श्रीनगर से शुरू की और 14 फरवरी 2023 को कन्याकुमारी पहुँचे। इसके बाद, उन्होंने कन्याकुमारी से गुवाहाटी तक साइकिल यात्रा की, जिसमें केरल, गोवा, तटीय कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम की यात्रा की। यात्रा के दौरान, उन्होंने हजारों छात्रों, शिक्षकों और शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों से मुलाकात की और साइकिलिंग, स्वयंसेवा और गांधीवादी मूल्यों पर चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और सरकारी अधिकारियों से भी मुलाकात की और इस आंदोलन को देश के हर बच्चे तक पहुँचाने के लिए उनकी मदद मांगी।

इसके अंतिम चरण में, सोलो साइकल यात्रा ने बिहार में वापसी की है। डॉ. सेठ ने दिसंबर 2023 में पूर्वोत्तर की यात्रा के दौरान बिहार से होकर गुजरे थे। जनवरी से मार्च तक लगभग दो महीने पूर्वोत्तर राज्यों में बिताने के बाद, उन्होंने सिक्किम और बंगाल की यात्रा की और अप्रैल के अन्तिम सप्ताह में उत्तर प्रदेश ग़ाज़ीपुर,वाराणसी,भदोही .हंडिया ,अयोध्या से होते हुए कल प्रयागराज जा रहे हैं

यात्रा के दौरान, डॉ. सेठ ने विभिन्न छोटे शहरों के स्कूलों और कॉलेजों में रुककर छात्रों और शिक्षकों से मुलाकात की और उन्हें SPIC MACAY के सांस्कृतिक क्रांति में शामिल होने का है।

प्रोफेसर सेठ ने छात्रों से अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनका साइकिल चलाना और उनकी स्वयंसेवा न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं बल्कि इस प्रकार की गतिविधियां सादगी-पूर्ण जीवन पद्धति को प्रोत्साहित करती हैं, जो आत्म-अन्वेषण के लिए नितांत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा, “निष्काम सेवा सदैव से भारत की सामाजिक व्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान का आधारभूत अंग है।” उन्होंने युवाओं में अपने विरासत के प्रति आत्म-गौरव और भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति को समृद्ध व संरक्षित करने में गांधीवादी मूल्यों के महत्वपूर्ण भूमिका की बात कही

देश भर के युवा छात्र प्रोफेसर सेठ की परिचर्चा और सादगीपूर्ण जीवन शैली से प्रभावित हो रहे है। प्रोफेसर सेठ उन्हें आंतरिक चिंतन, व्यक्तिगत विकास और सामुदायिक कल्याण की दिशा में पहल करने की प्रेरणा दे रहे हैं। प्रो. सेठ की ने छात्रों को आधुनिक जीवनशैली के विकल्पों और उनके जैविक व सांस्कृतिक संरक्षण के अंतर्संबंध की महत्ता की ओर आकर्षित किया है।

डॉ. सेठ ने अबतक लगभग 14,000 किलोमीटर की यात्रा की है। उनका मिशन युवाओं को प्रेरित करना रहा है, उन्हें भारतीय सांस्कृतिक विरासत में निहित अमूर्त, सूक्ष्म और रहस्यमय पहलुओं के बारे में जागरूक करना। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने सैकड़ों शैक्षिक संस्थानों से जुड़े हैं, हजारों की संख्या में उन्होंने युवा-वर्ग से संवाद किया है और भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति के गहरे मूल्य की खोज के लिए उन्हे प्रेरित किया।

डॉ. किरण सेठ के साइकिल चलाने का उद्देश्य है:

• महात्मा गांधी के सादगीपूर्ण जीवन और उच्च विचारों की की ओर युवा वर्ग को प्रेरित करना।

• SPIC MACAY का संदेश फैलाने और नए स्वयंसेवकों को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करना।

• लोगों को भारतीय विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए।

• यह बताना कि साइकिलिंग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी है और पर्यावरण के लिए लाभकारी है।

•  डॉ. किरण सेठ एक साधारण साइकिल पर चलते हैं जिसमें कोई गियर, फैंसी सामान या GPS नहीं है!! वे सीमित कपड़ों और व्यक्तिगत वस्तुओं के साथ यात्रा करते हैं, जिसमें न्यूनतम सामान होता है।

SPIC MACAY के बारे में:

भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए आंदोलन के रूप में कार्यरत SPIC MACAY एक 46 वर्ष पुरानी राष्ट्रव्यापी, गैर-राजनीतिक, स्वयंसेवी और एक पंजीकृत संस्था है जो शास्त्रीय संगीत और नृत्य, लोक संगीत, योग, सिनेमा प्रदर्शन, वार्ता, यात्राएं, शिल्प कार्यशालाएं आयोजित करती हैं। इसका उद्देश्य स्कूल और कॉलेज के परिसरों में छात्रों को भारतीय विरासत में सक्रिय रूप से रूचि लेने के लिए प्रेरित करना है। इससे जुड़े विभिन्न स्वयंसेवक हर साल भारत और विदेशों के 800 शहरों में 5000 कार्यक्रम आयोजित करते हैं। लगभग 50 अन्य देशों में भी यह संगठन लोगों में देने की भावना और निष्काम सेवा को बढ़ावा देता है।

SPIC MACAY एक प्रकार का जन आंदोलन है जो हमें हमारी भारतीयता के करीब लाता है। जैसे स्वतंत्रता आंदोलन ने हमें अहिंसा का महत्वपूर्ण पाठ सिखाया, SPIC MACAY निष्काम सेवा का महत्वपूर्ण पाठ सिखाता है।

डॉ. किरण सेठ के बारे में:

किरण सेठ (जन्म 1949) एक शिक्षाविद् और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व प्रोफेसर एमेरिटस हैं। वे मुख्य रूप से SPIC MACAY (1977) के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारतीय विरासत और स्वयंसेवा की भावना को बढ़ावा देता है। 2009 में, उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

डॉ. सेठ का कहना है कि वे 75 वर्ष की आयु में इस चुनौती को इसलिए उठा पा रहे हैं क्योंकि वे बचपन से ही योग कर रहे हैं। इसके अलावा, वे साइकिलिंग को ध्यान की तरह लेते हैं, न कि केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में। वे युवाओं को यही संदेश देना चाहते हैं कि कैसे भारतीय संस्कृति और विरासत से प्राप्त जीवन दृष्टि उन्हे स्मार्ट, स्वावलंबी और अपूर्व क्षमतावान बनाती है। जब पूछा गया कि उन्होंने साइकिलिंग का चयन क्यों किया और पर्वतारोहण या चलना या कुछ और क्यों नहीं, तो उन्होंने कहा कि आजकल साइकिलिंग युवाओं के बीच एक प्रवृत्ति की तरह है इसलिए वे इस प्रवृत्ति का उपयोग युवाओं को आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं ताकि वे SPIC MACAY और इसके उद्देश्य के बारे में जागरूक हो सकें कि “प्रत्येक बच्चे को भारतीय और विश्व विरासत में निहित प्रेरणास्पद व अमूर्त पहलुओं को आत्मसात कराना है।”

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor