कौशाम्बी,
मैं रहूं या न रहूं लेकिन विद्याश्रम में शिक्षा की ज्योति जलती रहनी चाहिए:संजय कुमार श्रीवास्तव,
यूपी के कौशाम्बी जिले के भरवारी कस्बे में स्थित भवन्स मेहता विद्याश्रम में प्रधानाचार्य के रूप में 30 वर्ष की सेवा देकर अपने कुशल नेतृत्व एवं मृदुभाषी स्वभाव तथा निजी अनुभव से विद्याश्रम को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले संजय कुमार श्रीवास्तव आज सेवानिर्वित्त हो गए।
उन्होंने सभी अध्यापकों एवं कर्मचारियों को को स्कूल में एक साथ बुलाकर संबोधित करते हुए अपने 30 वर्षों के सफल कार्यकाल को सभी लोगों के साथ शेयर करते हुए अपनी सेवानिवृत्ति का ऐलान करते हुए निदेशक संदीप सक्सेना के निर्देशानुसार अपना पदभार विद्याश्रम के अंग्रेजी के प्रवक्ता एनील कुमार मिश्र को सौंप दिया।अ
अपने अंतिम संबोधन में संजय श्रीवास्तव ने बताते हुए समस्त अध्यापकों एवं कर्मचारियों से अनुरोध किया कि विद्याश्रम की भलाई के लिए आप सभी मेहनत करते रहिए,हम रहे या ना रहें,विद्याश्रम की शाख पर कोई आंच नही आनी चाहिए, ऐसी कोशिश हमेशा रखनी होगी,उन्होंने अपने भावुक पूर्ण संबोधन से सबको रुला दिया।
इस अवसर पर उनकी पत्नी सरिता श्रीवास्तव जो स्वयं एक इंटर कालेज की प्रवक्ता है व उनका बेटा यश श्रीवास्तव मौजूद रहे। जिनको समस्त अध्यापकों ने उपहार देकर सम्मानित किया।
संजय श्रीवास्तव ने बताया कि भवन्स मेहता विद्याश्रम के इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक प्रधानाचार्य पद पर रहना मेरे लिए एक गर्व की बात है।उन्होंने कहा कि विद्याश्रम में मेरे कार्यकाल ने कई उतार चढ़ाव देखा लेकिन हर एक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आज विद्याश्रम को शीर्षस्थ ऊंचाइयों तक पहुंचाते पहुंचाते मेरा कार्यकाल ही समाप्त हो गया।उक्त वाक्य भावुक कर देने वाला था जिसको सुनकर समस्त कर्मचारियों की आंखों में आंसू आ गए।
इस दौरान मौजूद सभी कर्मचारियों एवं अध्यापकों ने माल्यार्पण कर अपने प्रधानाचार्य को भावुकता पूर्ण सेवानिवृत्ति के लिए शुभकामनाएं दिया।इस अवसर पर समस्त अध्यापक एवं कर्मचारी मौजूद रहे।








