गांधी जयंती पर भवंस मेहता महाविद्यालय में आयोजित हुई गोष्ठी,साफ सफाई कर दिया स्वच्छता का संदेश

कौशाम्बी,

गांधी जयंती पर भवंस मेहता महाविद्यालय में आयोजित हुई गोष्ठी,साफ सफाई कर दिया स्वच्छता का संदेश,

यूपी के कौशाम्बी जिले के भवंस मेहता महाविद्यालय भरवारी में बुधवार को राष्ट्रपिता गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई। महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत स्वच्छता पखवाड़ा का कार्यक्रम चलाया गया था। पखवाड़े के अंतिम दिन आज गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े छात्र-छात्राओं ने प्रभात फेरी निकाली और स्वच्छता अभियान के तहत महाविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालय परिसर स्थित जलाशय की सफाई की।

एन.सी.सी. के छात्र-छात्राओं ने भी महाविद्यालय के एन. सी. सी. आधिकारी डॉ. दीपक कुमार के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान के तहत महाविद्यालय परिसर के सफाई की। इन स्वच्छता अभियान के समापन के बाद महाविद्यालय के कक्ष संख्या 2 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्र भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रबोध श्रीवास्तव ने माला पहनाया एवं पुष्पांजलि अर्पित की ।

उसके बाद शिक्षको , शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने इन महापुरुषों के चित्रों पुष्पांजलि अर्पित किया। गांधी और शास्त्री जी पर अयोजित विचार गोष्ठी कार्यक्रम के आरंभ में राष्ट्रपिता गांधी पर अपने विचार को व्यक्त करते हुए महाविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर मोहम्मद आदिल ने ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए गांधी के जीवन और दर्शन पर प्रकाश डाला और आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक बताया।

महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार अग्रहरी ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि हमें इन महापुरुषों से सीख लेनी चाहिए और अपने जीवन में इनके आदर्शों को अपनाना चाहिए । इसके बाद महाविद्यालय के हिंदी के प्राध्यापक डॉ .सी.पी. श्रीवास्तव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्र भारत के द्वितीय प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन के विविध आयामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गांधी एक ऐसे नेता थे जिनके कथनी और करनी में साम्य था। वह पूरी मानवता के लिए जीते रहे और उन्होंने उस ब्रिटिश सत्ता से भारत को मुक्ति दिलाई जिसके राज्य में सूर्य अस्त नहीं होता था।

उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के जीवन को एक अनुकरणीय जीवन माना और उनकी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रप्रेम की चर्चा की, जो आज के समय में अत्यंत दुर्लभ होती जा रही है।इसके बाद महाविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ.राहुल कुमार राय ने गांधी जी पर अपने विचार को रखते हुए कहा की गांधी जी साध्य और साधन दोनों की पवित्रता को महत्वपूर्ण मानते थे। महाविद्यालय के बी.एस.सी. प्रथम वर्ष के छात्र कृष्णमूर्ति सिंह ने भी गांधी को याद करते हुए उन्हें महान चिंतक, विचारक, समाजसेवी और स्वतंत्रता सेनानी कहा।

महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ. अनुज कुमार तिवारी ने कहा कि केवल समारोह की आयोजन से गांधी को हम नहीं समझ सकते ,नहीं जान सकते,उन्हें अगर सही में जानना है तो हमें उन्हें उनके आदर्शों को जीवन में उतरना होगा।अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रबोध श्रीवास्तव ने कहा की हमें गांधी के आदर्शो को अपनाना चाहिए और इसके लिए हमें प्रयास करना चाहिए । यह जरूरी नहीं कि यह प्रयास बहुत बड़ा हो। हम छोटा प्रयास करके भी धीरे-धीरे गांधी को जान समझ जान सकते हैं समझ सकते हैं और अपने जीवन को उज्ज्वल बना सकते हैं।

इस अवसर पर महाविद्यालय के समक्ष समस्त शिक्षक गण शिक्षक शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor