कौशाम्बी,
क्रिसमस डे की बजाय मनाया तुलसी पूजन दिवस ,कहा-सैंटा नही सन्तों का देश है भारत,
कौशाम्बी जनपद में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे का त्योहार मनाया गया। इस दिन को खास बनाने के लिए सभी लोगो ने अपने- अपने हिसाब से अलग अलग तैयारियां कर रखीं थी। क्रिसमस के साथ कुछ मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं कि क्रिसमस डे के दिन सैंटा क्लॉज का बच्चे बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। दरअसल सैंटा क्लॉज क्रिसमस के दिन बच्चों के लिए कई सारे गिफ्ट लेकर आता है। सैंटा क्लॉज को एक देवदूत की तरह माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि वह बच्चों के लिए चॉकलेट, गिफ्ट सभी चीजें स्वर्ग से लेकर आता है और वापस वहीं चला जाता है।
लेकिन इस क्रिसमस की होड़ के अतिरिक्त भी जनपद में भारतीय संस्कृति अनूठी झलक देखने को मिली।यह नजारा शनिवार को सिराथू तहसील के सौंरई बुजुर्ग में देखने को मिला जहां बच्चों ने क्रिसमस डे के ही दिन क्रिसमस डे की चकाचौंध में फीके पड़े भारतीय संस्कृति के त्योहार तुलसी पूजन दिवस को भव्यतापूर्ण आयोजित कर भारतीय संस्कृति की अलख जगाई।सौंरई बुजुर्ग निवासी रोशनी,शांति ,क्रांति, आकांक्षी गुप्ता आदि ने समूह में तुलसी पूजन के अवसर पर बताया कि हमारा भारत देश संता का नही बल्कि संतो का देश और सनातन हिन्दू संस्कृति का देश है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं परंतु होड़ में आकर अपनी संस्कृति को भूलना नही चाहिए। इस लिए हम सभी के द्वारा आज क्रिसमस डे की बजाय तुलसी पूजन को महत्व दिया गया है।बच्चों ने बताया कि तुलसी पूजन के विषय मे हमे प्रेरणा हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय कुमार साहू से मिली। जिसमे हम सभी के अभिभावकों ने हमारा पूरा सहयोग किया।








