मकर संक्रान्ति पर पभोषा में आयोजित मेले मे लगा आस्था का कुम्भ

कौशाम्बी,

मकर संक्रान्ति पर पभोषा में आयोजित मेले मे लगा आस्था का कुम्भ,

मकर संक्रांति पर्व पर कौशाम्बी के प्रभाषगिरि (पभोषा पहाड़) पर आस्थावानों का संगम होता है। इस धर्मपर्व पर हिन्दू के साथ जैन धर्मावलंबियों की भारी भीड़ पहाड़ पर जुटती है। लोग यमुना स्नान करके प्रभाषगिरि की परिक्रमा, बहुलाधाम और छठें तीर्र्थंकर की तपोस्थली का दर्शन-पूजन करके खिचड़ी दान करते हैं। सदियों से चली आ रही यह परंपरा अब भी जारी है।कौशाम्बी में यमुना किनारे विंध्य पर्वत श्रृंखला से जुड़ा ऐतिहासिक प्रभाषगिरि है। पभोषा पहाड़ के नाम से विख्यात यह पर्वत हिन्दू और जैन धर्मावलंबियों का तीर्थस्थल भी है। जैन शास्त्रों के मुताबिक कौशाम्बी में जन्मे छठें तीर्थंकर भगवान पद्मप्रभ ने प्रभाषगिरि में तप किया था। जैन धर्मशाला के प्रबंधक प्रेमचंद्र जैन बताते हैं कि 14 जनवरी के दिन ही छठें तीर्थंकर को इसी प्रभाषगिरि पर ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।तभी से यहां 14 जनवरी यानि मकर संक्रांति पर मेला लगता आ रहा है। जैनधर्म की तीर्थस्थली होने के साथ ही यहां प्राचीन बहुलाधाम भी है। प्रभाषगिरि की चोटी पर बसे बहुलाधाम के मंदिर की स्थापना वर्ष 1824 में कराई गई थी। मकर संक्रांति के पर्व पर बहुलाधाम में पूजन और खिचड़ी दान की भी परंपरा रही है। प्रतिवर्ष यहां मकर संक्रांति पर्व पर कौशाम्बी के अलावा चित्रकूट, बांदा, महोबा, फतेहपुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़ समेत आसपास के अन्य जनपदों से हजारों की संख्या में लोग आते हैं। यमुना स्नान करके लोग प्रभाषगिरि की परिक्रमा करते हैं। बहुलाधाम में पूजन के साथ खिचड़ी दान किया जाता है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor