जश्ने फतेह खैबर मे रात भर चला शेरो शायरी का दौर,करारी के हजरतगंज स्थित एलिया तकवी के इमाम बारगाह में आयोजित हुई महफिल

कौशाम्बी,

जश्ने फतेह खैबर मे रात भर चला शेरो शायरी का दौर,करारी के हजरतगंज स्थित एलिया तकवी के इमाम बारगाह में आयोजित हुई महफिल

कौशाम्बी जिले के  करारी कस्बे के हजरतगंज वार्ड स्थित इमाम बारगाह में महफिल जश्ने फतेह खैबर का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत तेलावत ए कुरआन ए पाक से मौलाना सैफ अली जैदी ने किया। इसके बाद मुकामी शायरों ने देर रात तक कलाम पेश कर महफिल में वाह वाही बटोरी।
शुक्रवार की रात कस्बे के हजरतगंज मोहल्ले में एलिया तकवी के इमाम बारगाह में जंग ए फतेह खैबर की याद में महफिल का आयोजन किया गया। तेलावत ए क़ुरआने मजीद के बाद शुरू हुआ शेरो शायरी का दौर। मुकामी शायरों ने मौला अली की शान में कलाम पेश कर वाह वाही बटोरी। शायरों में हसन रिज़वी ने जब यह शेर पढ़ा तो अकीदतमंद झूम उठे उन्होंने पढ़ा-मौला अली की तेग के जौहर न पूछिये–कल कट के किस के किसके गिरे सर न पूछिये। इसके बाद मौलाना महदी हसन ने बेहतरीन कलाम पेश कर वाह वाही बटोरी उन्होंने पढ़ा–अब्बास तेरे प्यास की जिद भी अजीब है–मुंह भी नहीं लगाता है दरिया भी चाहिए।

संचालन करते हुए रौशन करारवी ने पढ़ा-दूध पिया हो मां का अपने पलटा दें मैदां से अलम-शेर खुदा का फतह करेगा कल्ला ए खैबर खड़े खड़े। इसके बाद मौलाना सैयद जमीर हैदर रिज़वी ने तकरीर करते हुए बताया कि जंगे खैबर सन सात हिजरी में हुई थी। चालीस दिन तक चलने वाली इस जंग में मुसलमानों को 39 दिन तक हार का सामना करना पड़ा तो रसूले अकरम ने एलान किया था कि कल मैं उसको अलम दूंगा जो कर्रार होगा गैरे फ़र्रार होगा मर्द होगा बढ़ बढ़कर हमला करने वाला होगा। इसके बाद चालीसवें दिन मौला अली को अलम देकर रसूल ने मैदाने जंग में भेजा। मौला ने मरहब को कत्ल कर खैबर का दर उखाड़ कर खैबर फतह किया। इसके बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगा कर मुबारकबाद दी। इस मौके पर सैयद मोहम्मद महदी, शोएब सलमान, शराफत हुसैन, फैजी,राहिब,आफाक,जफर,औन रिज़वी, रेहान और मौलाना मेराज अब्बास सहित काफी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor