अशकी साहब के इमामबारगाह में जश्ने फतेह खैबर मे रात भर चला शेरो शायरी का दौर

कौशाम्बी,

अशकी साहब के इमामबारगाह में जश्ने फतेह खैबर मे रात भर चला शेरो शायरी का दौर,

कौशाम्बी जिले के सिराथू के दरियापुर मंझियावां मे अशकी साहब के इमामबारगाह में जश्ने फतेह खैबर का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत तेलावत ए कुरआन ए पाक से कियागया । इसके बाद मुकामी शायरों ने तरही कलाम को पेश कर महफिल में वाह वाही बटोरी।मुकामी शायरों ने मौला अली की शान में कलाम पेश कर वाह वाही बटोरी। शायरों में शम्स हैदर रिज़वी ,रहबर मुस्तफाबाद ,असग़र दरियाबाद ,ज़फर अंडेहरवी ,आदि लोगो आपने कलाम को पेश किया ।राने जब यह शेर पढ़ा तो अकीदतमंद झूम उठे उन्होंने पढ़ा-मौला अली की तेग के जौहर न पूछिये–कल कट के किस के किसके गिरे सर न पूछिये। इसके बाद मौलाना महदी हसन ने बेहतरीन कलाम पेश किया ।बाद खत्म मौलाना सैयद मोहतशिम रिज़वी ने तकरीर करते हुए बताया कि जंगे खैबर सन सात हिजरी में हुई थी। चालीस दिन तक चलने वाली इस जंग में मुसलमानों को 39 दिन तक हार का सामना करना पड़ा तो रसूले अकरम ने एलान किया था कि कल मैं उसको अलम दूंगा जो कर्रार होगा गैरे फ़र्रार होगा मर्द होगा बढ़ बढ़कर हमला करने वाला होगा। इसके बाद चालीसवें दिन मौला अली को अलम देकर रसूल ने मैदाने जंग में भेजा। मौला ने मरहब को कत्ल कर खैबर का दर उखाड़ कर खैबर फतह किया। इसके बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगा कर मुबारकबाद दी। इस मौके पर सैयद इज़हार हैदर रिज़वी ,नासिर रिज़वी ,ज़ैघम रिज़वी ,मुज्तबा रिज़वी सहित काफी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor