जुलूस ए सफर ए हुसैनी में उमड़ा अजादारों का जन सैलाब,अजादारों ने बहाये आंसू

कौशाम्बी,

जुलूस ए सफर ए हुसैनी में उमड़ा अजादारों का जन सैलाब,अजादारों ने बहाये आंसू,

यसरब से जा रहा है नवासा रसूल का- वीरान हो रहा है मदीना रसूल का। मौलाना जवादुल हैदर जवादी ने अपनी तकरीर में जब यह शेर पढ़ा तो हर अजादार की आंख भर आई, अकीदतमंद इमाम हुसैन के वतन छोड़ने के वाकिया को सुनकर रोने लगे। कस्बे के अंसारगंज वार्ड में बरामद जुलूस में अजादारों ने मातम कर अपने इमाम को याद किया।


बुधवार को नगर पंचायत करारी के अंसारगंज वार्ड स्थित सदर इमाम बारगाह मे अंजुमने अब्बासिया के तत्वावधान में आयोजित जुलूस ए सफर ए हुसैनी की शुरुआत तेलावत ए कुरआन मजीद से हुई। इसके बाद मजहर रहीमपुरी ने सोज पढ़ी। इफ्तेताही तकरीर मौलाना जवादुल हैदर जवादी ने की। उन्होंने इमाम हुसैन के अपना वतन मदीना छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि माविया की मौत के बाद उसका बेटा यजीद तख्ते खेलाफ़त पर बैठा तो उसने मदीने के गवर्नर को खत लिखकर कहा कि वह रसूल के नवासे से मेरा(बैअत)समर्थन लेले अगर समर्थन नहीं करते तो उन्हें कत्ल कर दे। जब मदीने के गवर्नर ने इमाम हुसैन से यजीद की मंशा बताई तो आप ने कहा था कि मुझ जैसा यजीद जैसे का समर्थन कभी नहीं कर सकता। इस जवाब से बौखलाये यजीद ने इमाम हुसैन को कत्ल करने की साजिश करने लगा तो इमाम हुसैन ने मदीना छोड़ने का एलान कर दिया। उसके 28 रजब सन 60 हिजरी को आप अपने घर वालों को लेकर मक्के की ओर चल दिये। उसी सफर ए इमाम हुसैन की याद में इस जुलूस का आयोजन किया गया था।

मौलाना ने तकरीर के बीच अलम हजरत अब्बास, जुलजनाह इमाम हुसैन, गहवारा हजरत अली असगर और जनाबे जैनब, उम्मे कुलसूम और जनाबे फिज्जा की अमारियां बरामद हुईं। अजादारों ने नम आंखों से इन शबीहों की ज्यारत की। इसके बाद अंजुमने अब्बासिया के नौहा ख्वान हसन अब्बास, महमूद अली और साथियों ने पढ़ा-मदीना होता है सूना हुसैन जाते हैं-पछाड़ें खाती है सुगरा हुसैन जाते हैं। इस नौहे पर नवजवानों ने जमकर मातम किया। उसके बाद अमन जैदी ने दूसरा नौहा पढ़ा–अपना अकबर दे दिया अल्लाह हो अकबर के लिए-इम्तेहां था सख्त ये मजलूम सरवर के लिए। इसके बाद रौजा ए रसूल पर मौलाना जमीर हैदर रिजवी ने तकरीर किया। इस बीच अजादार नौहा ख़्वानी व सीना जनी करते हुए छोटे तलाबपर पहुंचे जहां मौलाना मुशीर अब्बास ने आखिरी तकरीर किया। जुलूस वापस सदर इमाम बारगाह में आकर शाम 4 बजे समाप्त हो गया। इस मौके पर फजलुल अब्बास, गुलाम पंजतन,जहूर महदी,जफरुल हसन,हैदर अब्बास, अफसर अब्बास, जौहर रिज़वी सहित काफी संख्या में अजादार मौजूद रहे

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor