दारानगर में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शुकदेवजी के आगमन प्रसंग का वर्णन

कौशाम्बी,

दारानगर में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शुकदेवजी के आगमन प्रसंग का वर्णन,

यूपी के कौशाम्बी जिले के कड़ाधाम के दारानगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन का आयोजन भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। कथा का वाचन वृंदावन धाम से पधारे पूज्य स्वामी पुंडरीकाक्षाचार्य वेदांती जी महाराज कर रहे। मुख्य यजमान अश्वनी कुमार तिवारी एवं परिवार ने विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की।

स्वामी पुंडरीकाक्षाचार्य जी ने अपने प्रवचन में बताया कि शुकदेव जी महाराज का आगमन श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम स्कंध में होता है, जहाँ वे अपने पिता महर्षि वेदव्यास के पुत्र के रूप में परिचित होते हैं। उन्होंने राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा सुनाई, जिससे उन्हें मृत्यु के भय से मुक्ति प्राप्त हुई।

उन्होंने आगे बताया कि कपिल अवतार की कथा भागवत के तीसरे स्कंध में वर्णित है, जहाँ भगवान विष्णु ने कपिल रूप में अवतार लेकर अपनी माता देवहुति को सांख्य दर्शन का उपदेश दिया था, जिससे उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ।कथा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि शुकदेवजी ब्रह्मज्ञानी थे और भागवत के श्लोकों को सुनकर उन्होंने आत्मज्ञान के मार्ग को अपनाया।

कथा के समापन पर भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण हुआ।कल की कथा के विषय में शिक्षक वेद प्रकाश ने बताया कि भरताख़्यान से प्रहलाद चरित्र की कथा महराज जी के अमृतमय वाणी से होगी।

कथा कार्यक्रम में डीजीसी क्रिमिनल सोमेश्वर कुमार तिवारी, भुनेश्वर कुमार तिवारी, पवन कुमार, आलोक कुमार, वेद प्रकाश, पंडित चंद्रिका प्रसाद मिश्र, चंद्रनंदन साहू, विपुल मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor