कौशाम्बी:डीएम ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती में गौशालाओं की उपयोगिता आधारित नवाचार कार्यक्रम का किया शुभारंभ,
यूपी के कौशाम्बी डीएम डॉ. अमित पाल ने गुरुवार को गौ-आश्रय स्थल बरई सलेम,मूरतगंज में आयोजित जैविक एवं प्राकृतिक खेती में गौशालाओं की उपयोगिता आधारित नवाचार कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर एवं कृषि व कृषि एलाइड विभागों द्वारा लगाई गई स्टालों का फीता काट कर शुभारंभ व अवलोकन किया।
डीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शासन के निर्देशानुसार जनपद के सभी ब्लॉकों में गौ-आश्रय स्थल संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी गौ-आश्रय स्थल में वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएगी। उन्होंने वर्मी कंपोस्ट बनाए जाने के लिए सभी खंड विकास अधिकारियों एवं पशु चिकित्साधिकारियों को गौ-आश्रय स्थलों में भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वर्मी कंपोस्ट बनाए जाने के संबंध में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विधिवत्त प्रशिक्षण दिया जाय। उन्होंने उपायुक्त एन.आर.एल.एम. से कहा कि स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित वर्मी कंपोस्ट की ब्रांडिंग, लोगो एवं मार्केटिंग के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रयागराज में स्थित नर्सरियों से समन्वय कर,उन्हें जैविक खाद विक्रय करने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
डीएम ने किसानों से अपील की कि जैविक खेती को अपनाएं। वर्तमान समय में बाजारों में जैविक उत्पाद एवं हर्बल उत्पादों की बहुत मांग बढ़ गई है। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि स्थानीय स्तर पर ग्राम प्रधानों के माध्यम से लोगों को जैविक खेती अपनाने के प्रति जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से खेती की उत्पादकता बढ़ेगी। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आय में वृद्धि होगी तथा गौशालाओं को भी स्वावलंबी बनाने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस नवाचार का व्यापक प्रचार प्रसार कर इसे गांव-गांव व घर-घर स्तर तक पहुंचाया जाय, ताकि लोग जागरुक हो सके।
कृषि वैज्ञानिक डॉ.अजय कुमार ने उपस्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, किसानों एवं गोपालकों को वर्मी कंपोस्ट बनाने की पूरी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी/प्रशिक्षण दी। इसके साथ ही उन्होंने वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रक्रियाओं को डेमो के माध्यम से भी समझाया।
कार्यक्रम में जैविक खेती करने वाले कृषक उधौ श्याम ने जैविक खेती के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके द्वारा उत्पादित गेहूं एवं धान की बहुत मांग है। जैविक खेती करने से उनकी आमदनी में भी वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर सीडीओ विनोद राम त्रिपाठी, जिला विकास अधिकारी शैलेन व्यास एवं उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।








