कौशाम्बी:32 वर्षों की अनुकरणीय सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए भवंस मेहता विद्याश्रम के उप-प्रधानाचार्य सुधाकर सिंह,सम्मान समारोह आयोजित कर दी गई विदाई,
यूपी के कौशाम्बी जिले के भरवारी स्थित भवंस मेहता विद्याश्रम आज उस ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण का साक्षी बना, जब विद्यालय के उप-प्रधानाचार्य सुधाकर सिंह ने अपने जीवन के 32 वर्षों की निष्ठावान, समर्पित एवं प्रेरणादायी सेवा पूर्ण कर औपचारिक रूप से सेवानिवृत्ति ग्रहण की। इस अवसर पर विद्यालय परिसर भावनाओं, सम्मान और कृतज्ञता से भर उठा।
सेवानिवृत्ति समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के निदेशक संदीप सक्सेना ने की। उनके साथ कोषाध्यक्ष प्रोफेसर प्रशांत अग्रवाल,प्रधानाचार्य बलाय्या गंगाराबोयिना स्कूल कोऑर्डिनेटर मोहम्मद नसीम,शिक्षक अवधेश मिश्रा तथा समस्त शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में सुधाकर सिंह के कार्यकाल को विद्यालय की मजबूत शैक्षिक नींव का आधार बताया।
कार्यक्रम के दौरान निदेशक संदीप सक्सेना ने सुधाकर सिंह को भेंट स्वरूप शाल ओढ़ाकर एवं प्रधानाचार्य महोदय,स्कूल कॉर्डिनेटर तथा समस्त शिक्षकों के द्वारा माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।समस्त शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने न केवल एक कुशल प्रशासक के रूप में बल्कि एक अनुशासित, संवेदनशील एवं मार्गदर्शक शिक्षक के रूप में हजारों विद्यार्थियों के जीवन को दिशा दी। उनके योगदान को विद्यालय के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में सदैव स्मरण किया जाएगा।इस अवसर पर उनके साथ उनकी पत्नी एवं पुत्र की उपस्थिति ने समारोह को और भी भावुक बना दिया।उनको भी साल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इसी गरिमामय अवसर पर विद्यालय के अत्यंत पुराने और कर्मठ कर्मचारी योगेंद्र सिंह उर्फ पहलवान भी अपने दीर्घ सेवाकाल के बाद सेवानिवृत्त हुए। विद्यालय परिवार द्वारा उनका भी आत्मीय सम्मान किया गया। निदेशक श्री संदीप सक्सेना ने श्री योगेंद्र सिंह के कार्यकाल को विद्यालय की निरंतर प्रगति में महत्वपूर्ण बताते हुए उनके योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
समारोह के दौरान शिक्षक, कर्मचारी एवं दोनों सेवानिवृत्त कर्मी भावुक हो उठे। आंखें नम थीं, लेकिन चेहरे पर गर्व और संतोष झलक रहा था। यह अवसर केवल विदाई का नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और संस्थान के प्रति निष्ठा को नमन करने का था।
अंत में विद्यालय परिवार ने सुधाकर सिंह एवं योगेंद्र सिंह के स्वस्थ, सुखद एवं सम्मानपूर्ण सेवानिवृत्त जीवन की कामना करते हुए उन्हें आत्मीय विदाई दी। यह समारोह भवंस मेहता विद्याश्रम की परंपरा, संस्कार और मानवीय मूल्यों का जीवंत उदाहरण बन गया।








