फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आशा कार्यकत्रियों का हुआ प्रशिक्षण,जिले में 12 से 27 मई तक चलेगा अभियान

कौशाम्बी,

फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आशा कार्यकत्रियों का हुआ प्रशिक्षण,जिले में 12 से 27 मई तक चलेगा अभियान,

यूपी के कौशाम्बी में सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम को लेकर को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आशा कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतिदिन प्रशिक्षक द्वारा क्षेत्र मे जाकर प्रशिक्षण कार्य को क्रमबद्ध तरीके से किया जा रहा हैं | कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं पाथ प्रतिनिधि भी अपनी भूमिका निभा रहें हैं कार्यक्रम में फाइलेरिया रोग के लक्षणों ,उससे बचाव व दवाई सेवन कराने के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा रही है ।इसी क्रम में गुरुवार को नेवादा, मंझनपुर में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत फाइलेरिया ( हाथीपांव ) जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गए सरकार द्वारा हर वर्ष सामूहिक दवा सेवन फाइलेरिया मुक्त अभियान के दौरान फाइलेरिया रोग से बचाव की दवा मुफ्त में खिलाई जाती है। जनपद सहित प्रदेश के 19 जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 12 मई से 27 मई के बीच चलाया जायेगा । जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए शासन द्वारा साल में एक बार सामूहिक दवा सेवन अभियान (एमडीए) चलाया जाता है। जिसके अंतर्गत डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक दी जाती है। जिसका सेवन लगातार पांच वर्षो तक करने से फाइलेरिया की बीमारी नहीं होती हैं।उन्होंने कहा हर व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन करना है । केवल गर्भवती महिलाओं 2 साल से कम उम्र के बच्चे एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करानी है स्वास्थ्यकर्मियों को अपनी देखरेख में ही दवा का सेवन कराना है । फाइलेरिया के बारे में बताते हुये उन्होंने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक रोग है । इस बीमारी के लक्षण पांच से दस साल में ही उभर के सामने आते हैं जिसे हाथी पांव भी कहा जाता है । बीमारी की शुरुआती अवस्था में जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। बचाव हर हाल में इलाज से बेहतर है । इस से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है

डॉ अरुण पटेल चिकित्सा प्रभारी मंझनपुर ने बताया कि अभियान में 2 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों डीईसी की तीन गोलियां एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी । दवाइयों का सेवन खाली पेट नहीं कराना है एवं एल्बेंडाजोल का सेवन चबा कर किया जाना है उन्होंने बताया कि मच्छरदानी का प्रयोग करें, आस-पास पानी या कूड़ा इकट्ठा न होने दें, सदैव कूडेदान का प्रयोग करें, गन्दे पानी में केरोसिन डालें, चोट व घाव वाले स्थान को हमेशा साफ रखें और पूरी बाजू के कपड़ें पहनें।

सामान्यतः तो फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है जिससे बचा जाना आवश्यक है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor