धूमधाम से निकला भरवारी का भव्य रामदल, हुआ रावण का वध,हनुमान जी की चौकी और छोटे बच्चो की सादी चौकिया रही मुख्य आकर्षण का केन्द्र,
यूपी के कौशाम्बी जिले के नगर पालिका भरवारी पुरानी बाजार के ऐतिहासिक दशहरे में गुरूवार को भव्य राम दल धूमधाम से निकाला गया। रामदल पुरानी बाजार स्थित हनुमान मंदिर से निकाला गया। रामदल में आगे-आगे चल रही हनुमान जी की सैकड़ों साल पुरानी चौकी और छोटे बच्चो द्वारा निकाली गई सादी चौकिया मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही।
भरवारी कस्बे के दशहरें मेले में गुरूवार को राम वाटिका स्थित रावण मैदान में प्रतीकात्मक रावण वध का मंचन किया गया। रावण का प्रतीकात्मक पुतला पटाखों के हवाले होते ही क्षेत्र जय श्री राम के जयघोष से गूंज उठा, जिसके चलते पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
रामदल के साथ-साथ छोटे बच्चों ने एक से बढ़कर एक आकर्षक चौकियां भी निकाली। पुरानी बाजार के ऐतिहासिक दशहरे मेला में गुरूवर को बजरंग बली की आकर्षक चौकी निकाली गई। तपस्वी वेशधारी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण, महाबली हनुमान, सुग्रीव व वानर सेना के साथ रथ पर सवार हुये। दर्जनों झांकियां रामदल के पीछे पीछे एवम भरत-शत्रुघ्न व अन्य सेना की झाकियां भी चल रही थीं,आगे-आगे ध्वज पताका व बैंड-बाजों के साथ तमाम गणमान्य लोग रामदल में जय श्री राम का उद्घोष कर रहे थे। नगर में जगह-जगह भक्तों ने हनुमान जी की चौकी को रोक कर बजरंगबली भगवान की पूजा-आरती की और लड्डू प्रसाद का वितरण किया।
गुरुवार की देर शाम रामदल मेहता रोड स्थित मंडी सीमित के बनाए गए रावण मैदान में पहुंचा। जहां भीषण युद्ध के बाद लक्ष्मण को बाण लगने से वह घायल हो गये, श्रीराम का विलाप करना, हनुमान का संजीवनी बूटी लाना, सुषेन वैद्य का लक्ष्मण को पुन: जीवित करना आदि के मंचन के बाद राम-रावण का सीधा युद्ध हुआ। जहां श्रीराम ने रावण की नाभि मे तीर मारकर उसे उसके कुकर्मों का दंड दिया। फिर रावण के पुतले में तीर मारकर उसे पटाखों के हवाले किया। पटाखों और आतिशबाजी की आग से आतताई रावण का अंत हो गया। प्रकार बुराई पर अच्छाई की विजय का यह रावण वध के रूप में समाप्त हुआ।
इस दौरान राम दल और रावण वध में भरवारी कस्बे के गणमान्य लोग शामिल हुए।