पशुपालक 30 जून तक अपने पशुओं को इयर टैग अवश्य लगवायें

कौशाम्बी,

पशुपालक 30 जून तक अपने पशुओं को इयर टैग अवश्य लगवायें,

यूपी के कौशाम्बी जिले में पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों को उनके पशुओं की चिकित्सा सेवा, निःशुल्क बधियाकरण, टीकाकरण व कृत्रिम गर्भाधान, अत्यन्त कम कीमत पर वर्गीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान, अत्यन्त कम प्रीमियम पर पशुधन बीमा आदि सुविधाओं को निरन्तर प्राप्त करने के लिए पशुओं के कान में इयर टैग लगाना और विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया हैं।

यह जानकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 ए0के0 सागर ने देते हुए बताया कि पशुपालकों द्वारा इयर टैग के माध्यम से प्रत्येक पशु की पहचान की जा सकती हैं। चोरी और खो जाने की स्थिति में इयर टैग से पशु स्वामी की पहचान की जा सकतीं हैं। पशुधन बीमा अत्यन्त कम प्रीमियम पर पशु बीमा का लाभ प्राप्त करने के लिए इयर टैग अनिवार्य है। भूमिहीन पशुपालकों एवं अन्य पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन घटक) की सुविधा प्राप्त करने के लिए इयर टैग अनिवार्य हैं।

सरकारी सुविधाएं, पशु चिकित्सा, निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान, निःशुल्क बधियाकरण, निःशुल्क टीकाकरण आदि सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए इयर टैग अनिवार्य है। बीमारियों कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण सम्बन्धी विवरण को आनलाइन भारत पशुधन एप पर सुरक्षित रखने के लिए भी ईयर टैग आवश्यक हैं। सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी सुविधाओं का सत्यापन कराने के लिए पंजीकरण और इयर टैग अनिवार्य है।

किसी भी पशु को उसके इयर टैग से उसके मालिक का पता लगाने में सहायता मिलती हैं। भारत पशुधन एप पर पंजीकरण से मालिकाना हक का प्रमाण मिलता है। दूर-दराज क्षेत्रों में मोबाइल वेटिनरी सेवाओं का लाभ एवं दैवीय आपदा में पशु हानि होने पर लाभ के लिए भी इयर टैग आवश्यक है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सभी पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय, पशु सेवा केन्द्र, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता, वैक्सीनेटर या पैरावेट से सम्पर्क कर 30 जून 2024 से पूर्व अपने पशुओं के कान में इयर टैग अवश्य लगवा लें। उन्हांने समस्त उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया हे कि समस्त पशुपालकों को इयर टैगिंग के महत्व को बताते हुए टैगिंग के लिए प्रेरित किया जाय। पशुपालक किसी भी जानकारी के लिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या पशु सेवा केन्द्र पर सम्पर्क कर सकतें हैं।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor