क्या हुआ जब पिता की डांट से नाराज होकर 25 साल पहले घर छोड़कर गया बेटा वापस आया अपने घर

कौशाम्बी,

क्या हुआ जब पिता की डांट से नाराज होकर 25 साल पहले घर छोड़कर गया बेटा वापस आया अपने घर,

यूपी के कौशाम्बी जिले के भरवारी कस्बे से पिता की डांट से नाराज होकर चला गया बेटा वापस आया तो बूढ़े पिता की आंखों में खुशी की चमक कुछ अलग ही बयां कर रही थी,वापस आया बेटा तो परिजन समेत मोहल्ले के लोगो की भीड़ जमा हो गई,मोहल्ले के दोस्त,बूढ़े बुजुर्ग सभी उससे मिलने और बात कर हाल जानने के लिए लालायित दिखे।बहरहाल बेटे के वापस आ जाने की खुशी में पिता की आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे।

मामला भरवारी कस्बे के खलीलाबाद मोहल्ले का है जहा के रहने वाले होरी लाल केसरवानी ने अपने 20 वर्षीय बेटे संजय को किसी बात पर क्रोधित होकर डांट दिया,जिससे आहत होकर संजय अपने परिजनों को छोड़कर कही चला गया,और शनिवार को 25 साल बाद अपने घर लौटा तो पिता होरी लाल सहित सभी घरवालों और मोहल्ले के लोगो की आंखों में आसूं ही आंसू दिखाई पड़ रहे थे।सभी लोग संजय को रुंधी हुई आंखों से निहारकर कुछ कहना चाह रहे थे कि अब तक कहा थे तुम संजय…

25 साल बाद अपने घर लौटे संजय ने बताया कि पिता जी की डांट से वह नाराज था और घर छोड़कर चला गया था,सबसे पहले वह राजस्थान गया था जहा उसने होटल में नौकरी की, कई सालो तक वह राजस्थान में रहने के बाद पंजाब गया जहा उसने होटल में नौकरी के दौरान एक महिला जो कि सरकारी अध्यापिका थी उससे शादी की और उनके तीन बच्चे भी हुए।इस दौरान कुछ सालो पहले आपसी मनमुटाव के बाद याने पत्नी और बच्चों से नाता तोड लिया और एक अपने मित्र के नए होटल में काम करने के लिए पंजाब से बिहार के औरंगाबाद आ गया जहा उसने होटल में नौकरी शुरू कर दी।

काफी दिनों के बाद उसने झारखंड के देवघर में जाकर भोलेनाथ का दर्शन किया जिसके बाद उसे घर की याद आई और उसने अपने पिता को एक पत्र लिखा,पत्र पाकर पिता होरी लाल को अपने बेटे को देखने की ललक लगी और पत्र के लिफाफे में लिखे हुए मोबाइल नंबर पर उन्होंने बात की।पिता से बात कर और क्षमा मांगकर संजय ने घर आने की बात की,तो पिता होरी लाल ने उसे तुरंत घर आने के लिए कहा।

जिसके बाद संजय शनिवार की शाम को 6 बजे अपने घर पर पहुंचा तो पिता होरी लाल,परिजनो और मोहल्ले के लोगो की भीड़ जमा हो गई।लोग संजय से उसका हाल जानने के लिए उत्सुक दिखे और संजय ने सभी से एक एक कर मुलाकात की और अपने दुख दर्द और अनुभव को साझा किया।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor