जमीनी विवाद में देश विरोधी मामला मीडिया में प्रसारित कराने का आरोप,पीड़ित ने डीएम,एसपी सहित उच्च अधिकारियों को मिलकर बताई सच्चाई

कौशाम्बी:जमीनी विवाद में देश विरोधी मामला मीडिया में प्रसारित कराने का आरोप,पीड़ित ने डीएम,एसपी सहित उच्च अधिकारियों को मिलकर बताई सच्चाई,

यूपी के कौशाम्बी जिले में पिछले दिनों बाहरी व्यक्ति अब्बास खोरासानी, अब्दुल वहीद, वली मोहम्मद उर्फ ओल्लन गिरोह ‌द्वारा देशभक्ति’ की आड़ में निजी संपत्ति (गाटा 406/417) हड़पने, फर्जी न्यायालय कर्मचारी” बनकर वीडियो बनवाने और प्रायोजित मीडिया ट्रायल के जरिए परिवार की हत्या (Mob Lynching) की साजिश रचने के सम्बन्ध पीड़ित ने डीएम,एसपी सहित उच्च अधिकारियों को मिलकर जानकारी और सबूत दिया है।पीड़ित ने उच्च अधिकारियों से मदद और न्याय की गुहार लगाई है।

पीड़ित मोहम्मद शरीफ ने बताया कि वह मदरसा दारूल उलूम गौसिया हबीबिया शेरगढ़ मूरतगंज  शिक्षण संस्था का 26 वर्षों से प्रबंधक है,कुछ बाहरी व्यक्ति के साथ मेरे परिवार तथा मेरी संस्था के विरुद्ध एक संगठित गिरोह (Organized Gang) सक्रिय है, जो मीडिया का दुरुपयोग कर हमारी लिंचिंग (हत्या) करवाना चाहता है। इस षड्यंत्र का विवरण और साक्ष्य बिंदुवार निम्नवत हैं।

घटना 18 नवंबर 2025 को बताई जा रही है,जबकि इस दिन मेरे पुत्रों के विवाह थे, मेरे सगे भाई अब्दुल वहीद पुत्र मो. हनीफ निवासी शेरगढ़ जिनके साथ हमारा पुश्तैनी तथा निजी संपत्ति विवाद है, ने अपने साले वली मोहम्मद (ओल्लन) पुत्र कल्लन तथा साढू मोहम्मद असलम पुत्र फकीर मोहम्मद निवासी शेरगढ़ के माध्यम से मीडिया में एक “प्रायोजित खबर” चलवाई (विडियो उपलब्ध) जिसमें मुझे तथा मेरे द्वारा चलाई जा रही शिक्षण संस्था को “देश-विरोधी” बताया गया। यह खबर जानबूझकर शादी के दिन प्रसारित कराई गई ताकि मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो और भीड़ उग्र होकर मेरे परिवार पर हमला कर दे।

2. वायरल वीडियो का सचः “25 जून 2024 की काली रात”: जिस वीडियो को आधार बनाकर आज खबर चलाई जा रही है, वह 25 जून 2024 की मध्यरात्रि का है। उस रात मुख्य षड्यंत्रकारी अब्बास खोरासानी (बाहरी व्यक्ति) अपने 8-10 गुंडों के साथ संस्था में अवैध रूप से घुस आया था और मुदस्सिर के साथ मार पीट की, उसके साथ एक व्यक्ति था जिसने खुद को “न्यायालय का कर्मचारी” (Court Official) बताया और मेरे बेटे मुदस्सिर को धमकाया कि “अगर हमारे मुताबिक वीडियो नहीं बनवाया, तो कोर्ट के माध्यम से तुम्हें झूठे मुकदमों में सड़ा देंगे।” वह वीडियो उसी “फर्जी अधिकारी” के डर और दबाव (Coercion) में बनाया गया था, जिसकी पुष्टि जांच से की जा सकती है।

जबकि असली वजह “जमीन कब्जा और अवैध वसूली है, इस पूरे फसाद की जड़ “देशभक्ति” नहीं, बल्कि निजी संपति विवाद और पैसा है। मुख्य शिकायतकर्ता अब्दुल वहीद (मेरा सगा भाई) है, जो मेरी जमीन और पुश्तैनी दुकान (गाटा सं. 406 व 417) हड़पना चाहता है। राजस्व लेखपाल ने अपनी जांच रिपोर्ट (दिनांक 20.10.2024) में स्पष्ट लिखा है कि “यह दो सगे भाइयों के बीच निजी संपत्ति का विवाद है. कोई सार्वजनिक मु‌द्दा नहीं।” अब्बास खोरासानी क्षेत्र में अपना वर्चस्व और अवैध वसूली (Extortion) कायम करना चाहता है। जब मैंने मोहर्रम के जुलूस में प्रशासन का सहयोग किया, तो वह रंजिश रखने लगा।

बताया कि उन्होंने 03 अक्टूबर 2025 को ही प्रशासन (DM/SP/CWO) को लिखित आवेदन देकर आगाह कर दिया था कि यह गिरोह किसी नाबालिग बच्चे या पुराने वीडियो का इस्तेमाल करके हमें फंसाने की साजिश रच रहा है।” आज हमारी वही पूर्व चेतावनी सच साबित हुई है। जिस संस्था पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उसका निरीक्षण अभी हाल ही में दिनांक 28 अक्टूबर 2025 को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (DMWO) द्वारा किया जा चुका है और मौके पर कोई भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं पाई गई थी।

उन्होंने उच्च अधिकारियों से अपील की है कि संस्था में घुसकर, खुद को “न्यायालय का अधिकारी” बताकर धमकाने वाले व्यक्ति और अब्बास खोरासानी के विरुद्ध IPC 419 (प्रतिरूपण), 384 (वसूली), 452 (अवैध प्रवेश) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।

निजी संपति विवाद (गाटा 406/417) को देशद्रोह / “राष्ट्रीय सुरक्षा” का मुद्दा बताकर प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है अतः झूठी अफवाह फैलाने वाले अब्दुल वहीद, वली मोहम्मद उर्फ ओल्लन मो. असलम और अब्बास खोरासानी और खोरासानी गैंग के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।

पीड़ित एवं उनके परिवार को इस आपराधिक गिरोह से जान-माल की सुरक्षा प्रदान की जाए।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor