राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में बाल शिकायत निवारण पीठ/शिविर का 21 दिसंबर को होगा आयोजन

कौशाम्बी,

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में बाल शिकायत निवारण पीठ/शिविर का 21 दिसंबर को होगा आयोजन,

यूपी के कौशाम्बी जिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम शिकायत निवारण पीठ/शिविर आयोजित करने और बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन और वंचित होने से सम्बन्धित मामलों के खिलाफ आपकी शिकायत लेने के लिए विकास खण्ड एवं जनपद का भ्रमण कर रही है। जनपद के बच्चें, माता-पिता,अभिभावक,देखभालकर्ता या बाल अधिकारों के लिए कार्य करने वाला कोई भी व्यक्ति पीठ/शिविर के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकते है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की बेंच/कैम्प  21 दिसम्बर 2023 को प्रातः 09 बजे से सम्राट उदयन सभागार कलेक्ट्रेट में पंजीकरण तथा बेंच/कैंम्प सुबह 10 बजे से संचालित किया जायेगा।

यह जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी नीरज कुमार ने देते हुए बताया कि सड़क पर रहने वाले बच्चों, स्कूलों, बाल देखभाल संस्थानो,बालगृहों, छात्रावासों या किसी अन्य स्थान जहां बच्चे शिक्षा/प्रशिक्षण लेते है या रहते है, आदि सहित सभी वर्गा के बच्चे खण्डपीठ के समक्ष अपनी समस्या प्रस्तुत कर सकते है।

उन्होंने बताया कि बाल श्रमिकों को खतरनाक कार्यो में संलग्न करना घरेलू श्रमिक के रूप में रखना, बकाया/मुआवजा का भुगतान न करना, भीख मांगने को मजबूर, शारीरिक शोषण/हमला, परित्याग/उपेक्षा, घरेलू हिंसा का शिकार, एच0आई0वी0 स्थिति के आधार पर बच्चें के साथ भेद-भाव, पुलिस द्वारा बच्चे को पीटा जाना, संस्थाओं में उनके साथ दुर्व्यवहार, अवैध गोद लेना, बाल देखरेख संस्थानों द्वारा बच्चों के विरूद्ध हिंसा, बच्चों का ब्यापार, अपहरण, लापता बच्चा, इलेक्ट्रानिक/सोशल/प्रिन्ट मीडिया में बाल अधिकारों का उल्लंघन, पड़ोस में स्कूल का अभाव, बुनियादी ढांचे की कमी, स्कूल में शारीरिक दंड/शोषण, स्कूल में प्रवेश से इन्कार, बच्चों की दिब्यांगता सम्बन्धित शिकायत, रोग सम्बन्धी, कुपोषण, मध्यान्ह् भोजन-पीने के पानी, पुस्तकालय, खेल के मैदान की अनुउपलब्धता, आधार कार्ड, मादक द्रव्य/नशीली दवाओं का दुरूपयोग, बचपन के विकास सम्बन्धी विकारों, भीख मांगना, बाल विवाह, शादी के लिए यौन शोषण, दिव्यांगता प्रमाण पत्र व उपकरण, छात्रवृत्ति, योजना से वंचित बच्चे के सम्बन्ध में शिकायत/समस्या प्रस्तुत कर सकते है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सरकार का वैधानिक निकाय है। जिसका मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को संविधान में निहित और विभिन्न अधिनियमों/कानूनों के तहत प्रावधानित उनके अधिकारों का लाभ लेने में सक्षम बनाता है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor