उत्तर प्रदेश,
यूपी में नगर निकाय चुनाव के लिए अभी कुछ महीने और करना पड़ सकता है इंतजार,हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही निर्धारित होगा तारीखों का ऐलान,
यूपी में नगर निकायों में चुनाव को लेकर अभी लोगो को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। निकाय चुनाव में आरक्षण का मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित चल रहा है। कोर्ट का आदेश आने के बाद ही निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा। हालांकि, जिस प्रकार की स्थिति बनती दिख रही है, उसमें चुनाव की तारीखों का इंतजार और लंबा होने की बात कही जा रही है।
निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने की प्रक्रिया के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने फिलहाल 20 दिसंबर तक अधिसूचना जारी करने की रोक लगाई हुई है। सरकार की तरफ से जवाब दाखिल होने के बाद मामले की सुनवाई होगी।
सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के लिए सभी राज्यों के लिए बाध्यकारी आदेश जारी किए थे। सरकार को अभी इस बात का जवाब देना है कि क्या शहरी निकायों में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए बाध्यकारी आदेशों का पालन किया गया है, सरकार का जवाब आने के बाद याचिकाकर्ता वैभव पांडेय की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई और फैसला आने तक अधिसूचना जारी होने की सूरत फिलहाल दिख नहीं रही है।
सूत्रों के मुताबिक फैसला जिस किसी के भी पक्ष के खिलाफ हुआ, वह सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है, ऐसे में निकाय चुनाव लंबा टलने की पूरी उम्मीद है।अगर प्रदेश सरकार को ओबीसी आरक्षण के लिए पूरी प्रक्रिया फिर से अपनानी पड़ी तो भी इसमे कई महीने का समय लगेगा। आयोग के गठन के बाद ओबीसी आरक्षण की जरूरतों के लिए आयोग की रिपोर्ट आएगी। आरक्षण देने के लिए निकायवार परीक्षण करना होगा। आरक्षण का प्रतिशत तय करना होगा। इस सभी प्रक्रिया में कम से कम तीन से चार महीने तक का समय लगने का अनुमान लगाया जा रहा है।तब तक जनता और निकाय चुनाव लडने वाले उम्मीदवारों को इंतजार करना पड़ेगा।