प्रधानमंत्री ने सुल्तानपुर में 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का किया उद्घाटन

उत्तर प्रदेश,

प्रधानमंत्री ने सुल्तानपुर में 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सुल्तानपुर में 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया।

उद्घघाटन  के अवसर पर  सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से 3 साल पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न हुआ था। पिछले 19 महीने से पूरी दुनिया कोविड महामारी का सामना कर रही है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन संपन्न हुआ है।पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सिर्फ आवागमन का माध्यम नहीं बल्कि पूर्वी उ.प्र. जो आज़ादी के बाद से भौतिक विकास के मापदंडों को पूरा करने में विफल रहा था। उस पूर्वी उ.प्र. को विकास की नई जीवन रेखा के रूप में स्थापित किए जाने वाले प्रयास का हिस्सा होगा।हमारे जिन किसान भाई-बहनों की भूमि इसमें लगी है, जिन श्रमिकों का पसीना इसमें लगा है, जिन इंजीनियरों का कौशल इसमें लगा है, उनका भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।उन्होंने कहा कि मैं यूपी के ऊर्जावान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उनकी टीम और यूपी के लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।मुझे मालूम था कि जिस तरह तब की सरकार ने यूपी के लोगों के साथ नाइंसाफी की जा रही है, विकास में भेदभाव किया जा रहा है, जिस तरह सिर्फ अपने परिवार का हित साधा जा रहा है, यूपी के लोग ऐसा करने वाली सरकार को हमेशा-हमेशा के लिए यूपी के विकास के रास्ते से हटा देंगे।गरीबों को पक्के घर मिलें, गरीबों के घर में शौचालय हों, महिलाओं को खुले में शौच के लिए बाहर ना जाना पड़े, सबके घर में बिजली हो, ऐसे कितने ही काम थे, जो यहां किए जाने जरूरी थे।लेकिन मुझे बहुत पीड़ा है, कि तब यूपी में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया।कौन भूल सकता है कि पहले यूपी में पहले कितनी बिजली कटौती होती थी।कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी।कौन भूल सकता है कि यूपी में मेडिकल सुविधाओं की क्या स्थिति थी।यूपी में तो हालात ऐसे बना दिये थे कि यहाँ सड़कों पर राह नहीं होती थी, राहजनी होती थी।पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था।लेकिन आज जितनी पश्चिम की पूछ है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है।पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को आपस में जोड़ रहा है।ये भी एक सच्चाई थी कि यूपी जैसा विशाल प्रदेश, पहले एक दूसरे से काफी हद तक कटा हुआ था।अलग अलग हिस्सों में लोग जाते तो थे लेकिन एक दूसरे से कनेक्टिविटी ना होने की वजह से परेशान रहते थे।पूरब के लोगों के लिए लखनऊ पहुँचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था।परिणाम ये हुआ कि ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में यहां लगे अनेक कारखानों में ताले लग गए।इन परिस्थितियों में ये भी दुर्भाग्य रहा कि दिल्ली और लखनऊ, दोनों ही स्थानों पर परिवारवादियों का ही दबदबा रहा।सालों-साल तक परिवारवादियों की यही पार्टनरशिप, यूपी की आकांक्षाओं को कुचलती रही।उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति घर भी बनाता है तो पहले रास्तों की चिंता करता है, मिट्टी की जांच करता है, दूसरे पहलुओं पर विचार करता है।लेकिन यूपी में हमने लंबा दौर, ऐसी सरकारों का देखा है जिन्होंने कनेक्टिविटी की चिंता किए बिना ही औद्योगीकरण के सपने दिखाए।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor