रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर जालसाज ने युवक से ठगे 7 लाख 50 हजार,पकड़ा दिया फर्जी ज्वाइनिंग लेटर

कौशाम्बी,

रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर जालसाज ने युवक से ठगे 7 लाख 50 हजार,पकड़ा दिया फर्जी ज्वाइनिंग लेटर,

यूपी के कौशाम्बी जिले के चरवा थाना क्षेत्र के बरुलहा गांव के एक युवक ने रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी के नाम पर साढ़े सात लाख रुपए लेकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देने का आरोप लगाया है,पीड़ित धर्मेंद्र कुमार यादव पुत्र हरिश्चंद्र ने बताया कि रेलवे ग्रुप डी में नौकरी दिलवाने के नाम पर उसके साथ धोखाधड़ी की गई है,जिसकी शिकायत उसने पुलिस से की है लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

जानकारी के अनुसार इब्ने हैदर उर्फ वसीम पुत्र दुलारे हैदर ने सैकड़ो लोगों के साथ रेलवे ग्रुप डी में डायरेक्ट नौकरी दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी की है, आरोपी इब्ने हैदर ने पहले लोगों को यह भरोसा दिलाया कि वह रेलवे में उन्हें नौकरी दिलवा सकता है उसके बाद रेलवे में डायरेक्ट नौकरी दिलवाने के नाम पर उसने सैकड़ो लोगों को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ए0वी0 कॉन्वेंट हाई स्कूल में फिजिकल टेस्ट के लिए बुलवाया,करीब तीन लग्जरी बसों में सैकड़ो लोग अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग जनपद से पहुंचे, वहां मौजूद सभी लोगों को डायरेक्ट नौकरी दिलवाने पर शक हुआ और सभी ने आरोपी से पूछा कि रिटर्न टेस्ट नहीं होगा क्या? ऐसे किस तरह डायरेक्ट नौकरी मिल सकती है तो आरोपी ने सभी से कहा कि रिटर्न टेस्ट और फिजिकल टेस्ट दोनों होता है लेकिन मैं आप लोगों का डायरेक्ट सिलेक्शन करवा रहा हूं इसलिए केवल फिजिकल टेस्ट ही होगा, और अगर आप लोगों को नौकरी नहीं मिली तो मैं आप सभी के पैसे वापस कर दूंगा जिसके बाद सभी उसकी बातों में आ गए.फिजिकल टेस्ट के बाद सभी का बायोमेट्रिक डाटा कलेक्ट किया गया, इसके बाद वहां मौजूद सभी को कहा गया कि आप लोगों को अपने मेल पर अपॉइंटमेंट लेटर भेज दिया जाएगा.

कुछ दिन बाद प्रार्थी को अपनी मेल आईडी पर रेलवे की तरफ से एक मेल प्राप्त हुआ जिसमें रेलवे ग्रुप डी में उनके सिलेक्शन की बात लिखी थी,भेजे गए मेल में लिखा था आप आपका रोल नंबर 134194190415297 रेलवे ग्रुप डी के लिए प्रोविजनली सिलेक्टेड किया गया है,आप अपना अपॉइंटमेंट लेटर डायरेक्ट रेलवे रिक्रूटमेंट सेल प्रयागराज से 16 अगस्त 2024 को प्राप्त कर सकते हैं,इसके लिए आपको अपने साथ डॉक्यूमेंट लाने होंगे, जिसमें आपका आधार कार्ड,ओरिजिनल हाई स्कूल मार्कशीट, हाई स्कूल सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, बैंक पासबुक नेशनलाइज्ड बैंक ओरिजिनल कॉपी ऑफ़ कास्ट सर्टिफिकेट,8 सेट फोटोग्राफ पासपोर्टसाइज,यह सभी डॉक्यूमेंट के साथ आठ फोटो कॉपी सेल्फ अटेस्टेड करके जमा करनी है,अगर दी गई डेट पर डॉक्यूमेंट सबमिट नहीं कराया गया तो आपका फॉर्म इनवेलिड कर दिया जाएगा.

पीड़ित यह सभी डॉक्यूमेंट लेकर जब रेलवे ऑफिस पहुंचा तो उसे पता चला कि यह फर्जी मेल है जिसके बाद उसने इब्ने हैदर से बात की इबने हैदर ने बात को घुमा फिरा कर डायरेक्ट पोस्टिंग की बात कही और अपॉइंटमेंट लेटर भी दिया और कहा कि अगर नौकरी नहीं लगी तो वह उसके पैसे वापस कर देगा, इबने हैदर ने प्रार्थी से ऑनलाइन40,000 व 7,10,000 नगद लिया,पीड़ित जब जॉइनिंग लेटर लेकर दिल्ली पहुंचा तो पता चला कि वह जॉइनिंग लेटर फर्जी था, तब पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की गई है दिल्ली से वापस आने के बाद पीड़ित ने इबने हैदर उर्फ वसीम से बात की तब वह गाली गलौज करने लगा और जान से मारने की धमकी देने लगा. पीड़ित ने बताया कि इबने हैदर पहले कौशाम्बी जनपद के ग्राम लेहना थाना करारी में रहता था जब लोगों को उसकी धोखाधड़ी के बारे में मालूम चल गया तब उसने अपना ठिकाना बदल दिया और वह अपने ससुराल फतेहपुर में रानी कॉलोनी पूर्वी में रहने लगा, पैसा मांगने पर उसने लोगों को धमकाना शुरू कर दिया।

पीड़ित ने बताया कि एक बार उसने पैसा वापस देने के लिए अपने ससुराल रानी कॉलोनी पूर्वी फतेहपुर में उसे बुलाया और वहां पर उसे डराया धमकाया और जान से मारने की धमकी दी पीड़ित वहां से वापस लौट आया लेकिन अपने पैसे वापस पाने के लिए पीड़ित ने दोबारा उसे फोन किया जिस पर आरोपी ने उसे गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी और उसके बाद उसने अपना फोन बंद कर लिया।

इबने हैदर उर्फ वसीम ने सैकड़ो लोगों से रेलवे ग्रुप डी में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की और अब लोगों के पैसे वापस मांगने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है. पीड़ित ने आरोपी को अपनी जमीन बेचकर व बैंक से लोन लेकर पैसे दिए थे पीड़ित के पास अब ना तो उसकी जमीन है और ना ही अपना गुजारा करने के लिए पैसे बचे हैं।पीड़ित ने पूरे मामले की लिखित शिकायत चरवा थाने में दर्ज कराई है और इस पूरे मामले में कार्यवाही करने और उसका पैसा वापस दिलवाने की गुहार लगाई है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor