प्रयागराज में फर्जी सिम के सहारे ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश,5 अरेस्ट

प्रयागराज

फर्जी सिम के सहारे ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश,5 अरेस्ट,

आर्मी इंटेलीजेंस लखनऊ, क्राइम ब्रांच और करेली पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर फर्जी जालसाजों के गिरोह का गुरुवार को पर्दाफाश किया है। नूरुल्ला रोड के समीप से गिरफ्तार किए गए जालसाजों के पास से हजारो की संख्या सिम, मोबाइल, बड़ी संख्या में आइडी, फर्जी मोहर, आनलाइन कंपनियों के पेज, पासवर्ड, कैशमेमो, रसीदें, टिन नंबर, कंपनियों के लोगों की डुप्लीकेट कापी बरामद की गई है। पूछताछ में पता चला कि आनलाइन जालसाजी के लिए फर्जी सिम का उपयोग किया जाता था।

आर्मी आर्मी इंटेलीजेंस लखनऊ की टीम को सर्विलांस के माध्यम से पता चला कि प्रयागराज में एक गैंग सक्रिय है जो आनलाइन ठगी करता है। इसके लिए फर्जी सिम का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच के प्रभारी संजय कुमार सिंह को दी गई। जांच में पता चला कि आरोपित करेली क्षेत्र के रहने वाले हैं, जिस पर करेली थाना प्रभारी अनुराग शर्मा को भी सूचना दी गई। गुरुवार को तीनों टीमों ने नूरुल्ला रोड के पास से चार जालसाजों को गिरफ्तार किया। इसमें अब्दुल खालिद पुत्र जली निवासी जेके आशियाना करेली, श्रीराम चौरसिया पुत्र भइया लाल निवासी हर्षवर्धन नगर अतरसुइया, जीशान अहमद पुत्र मो. अहमद निवासी जीटीबी नगर करेली, विकास केसरवानी पुत्र राजेंद्र केसरवानी निवासी हिम्मतगंज खुल्दाबाद शामिल थे। इनके पास से बड़ी मात्रा में सिम, मोबाइल, आइडी आदि बरामद किया गया। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि दो काल सेंटर बैरहना में चल रहे हैं, जहां बड़ी संख्या में सिम बेचे गए हैं। पुलिस ने काल सेंटर पहुंचकर संचालक कृष्ण कुमार सिंह पुत्र हरिशंकर सिंह निवासी मधवापुर बैरहना कीडगंज को भी गिरफ्तार कर लिया। यहां से भारी मात्रा में एक कंपनी के सिम बरामद हुए। अब्दुल खालिद ने बताया कि वह एक मोबाइल कंपनी में सेल्समैन है। कंपनी के अधिकारियों का अधिक से अधिक सिम बेचने का दवाब रहता था, जिस कारण वह फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट कर बेचता और बिकवाता था। एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि यह गिरोह काल सेंटर चलवाते थे और बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार दिलाने के नाम पर ठगते थे। फर्जी सिम का उपयोग साइबर क्राइम में किया जा रहा था। इसमें अभी कई और लोग भी शामिल हैं, जिनका पता लगाया जा रहा है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor