कौशाम्बी में सिम के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगे एलईडी बल्ब के होल्डर बॉक्स की एटीएस कर रही जांच

कौशाम्बी

कौशाम्बी में सिम के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगे एलईडी बल्ब के होल्डर बॉक्स की एटीएस कर रही जांच,

कौशाम्बी जिले के भरवारी कस्बे में ग्राम उजाला योजना के तहत मुफ्त मिले एलईडी बल्ब के साथ मिले सिम लगे होल्डर की जांच देश की उच्च सुरक्षा एजेंसियों ( STF, ATS) ने शुरू कर दी है।पुलिस ने इस मामले में प्रयागराज से कई लोगो को पूछताछ के लिए उठाया था।पूछताछ में कंपनी के लोगो ने कार्बन डाटा कलेक्ट करने की बात बताई है।जिसके बाद बल्ब सप्लाई करने वाली कंपनी ने अपना 256 पेज का एग्रीमेंट भी पुलिस के आला अधिकारियों को दिखाया हैं। इसके बाद भी सवाल यही है कि आखिर डिवाइस की सच्चाई क्या इतनी है कि वह केवल कार्बन डेटा कलेक्ट के लिए ही लगाई गई थी। इस मामले में अभी भी अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे है वही जांच के लिए बैंगलुरू लैब भेजी गई डिवाइस की जांच रिपोर्ट का इंतजार अधिकारी कर रहे है।

कौशाम्बी जिले के भरवारी के गौरा रोड निवासी बृजेश केसरवानी के घर में लगे एलईडी बल्ब के होल्डर के अंदर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ  एक बड़ी टेलीकाम कंपनी का सिम मिला था। इसके अलावा होल्डर के अंदर एरियर, ट्रांसमिशन के अलावा एसडी कार्ड भी लगा हुआ बताया जा रहा था। होल्डर के अंदर ये उच्च तकनीकी के उपकरण क्यों लगाए गए थे, इसको लेकर पुलिस की जांच एजेंसियां हैरान थी। पुलिस विभाग के आईटी एक्सपर्ट भी हैरान थे, लेकिन वह सच्चाई नहीं बता पा रहे थे कि आखिर यह क्यों लगाया गया है। इस मामले की जांच के लिए एसटीएफ और एटीएस भी कौशाम्बी आई थी। एटीएस ने भरवारी में कारोबारी बृजेश केसरवानी से मिलने के बाद इंटेलीजेंस विंग की ओर से पकड़े गए पांच युवकों से कई बार पूछताछ की। इस दौरान एलईडी बल्ब सप्लाई करने वाली कंपनी सीईएसएल से भी बातचीत की गई। सीईएसएल कंपनी की ओर से ग्राम उजाला योजना क्रियान्वित हो रही थी और वह लोगों को दस रुपये में एलईडी बल्ब का वितरण कर रही थी। कौशाम्बी में कंपनी की ओर से अधिकृत जीएसएन कंपनी के लोग बल्ब का वितरण कर रहे थे और चुनिंदा लोगों को ही होल्डर दे रहे थे। पूछताछ के दौरान सीईएसएल कंपनी व बल्ब सप्लाई करने वाली जीएसएन कंपनी के जिम्मेदारों से बातचीत की गई। सीईएसएल कंपनी की ओर से 256 पेज का एग्रीमेंट एटीएस के अलावा एसटीएफ और पुलिस के उच्चाधिकारियों को दिया गया जिसमें दावा किया गया था कि कार्बन डेटा कलेक्ट करने के लिए यह डिवाइस लगाई गई थी। पुलिस अधिकारियों के सवाल करने पर कंपनी ने जवाब दिया कि उनसे चूक हुई कि इसका वह व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार नहीं कर पाए हैं। इसके बाद इंटेलीजेंस विंग ने प्रयागराज से पकड़े गए जीएसएन कंपनी के पांच वर्करों को छोड़ दिया है, इसके बाद भी अभी भी अधिकारियों को बेंगलुरु की लैब रिपोर्ट का इंतजार है। जांच के बाद एटीएस की वाराणसी टीम वापस जा चुकी है, लेकिन इस मामले को लेकर वह जिला पुलिस के लगातार संपर्क में है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor