कौशाम्बी
जिला कारागार में ठंड से बेसहारा गोवंश को बचाने के लिए बनाए जा रहे काऊ कोट का मामला सुर्खियों में आने के बाद अब समाजसेवियों ने भी अपने हाथ मदद के लिए बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। एक समाजसेवी ने सिले हुए कंबल को कवर करने के उद्देश्य से सात बंडल पॉलीथिन उपलब्ध कराई है। समाजसेवी का मानना है कि बेजुबानों की मदद से उन्हें भी पुण्य कमाने का अवसर मिल रहा है।गोवंश को सुरक्षित करने के लिए शासन की ओर से करोड़ों रुपये गोशाला निर्माण में खर्च किया जा रहा है। इधर-उधर घूम रहे मवेशियों को गोशाला तक पहुंचाने के लिए प्रशासनिक अफसरों को निर्देशित किया गया है। कड़ाके की ठंड में मवेशियों को सर्द हवाओं से बचाने के लिए बीते दिनों जिला कारागार के बंदियों व कैदियों ने पहल शुरू की। अपने फटे-पुराने कंबलों की सिलाई करते हुए उसे पॉलीथिन के कवर में भरकर सैकड़ों की संख्या में काऊ कोट तैयार किए। जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद ने इसे जिलाधिकारी की मदद से गोशालाओं में वितरित कराए। जेल के बंदियों की इस पहल को बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में सराहा। पीएम की इस सराहना ने बंदियों व कैदियों का हौसला आफजाई किया। वहीं यह मामला सुर्खियों में आने के बाद डीएम के निर्देश पर खाद्य पूर्ति अधिकारी ने भी फटे-पुरानी जूट की बोरियां कारागार को उपलब्ध कराईं। इतना ही नहीं, पुण्य के इस कार्य में समाजसेवियों ने भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। जेल अधीक्षक ने बताया कि दो दिन पहले साकेत इंडस्ट्रीज पशु आहार के मालिक व समाजसेवी मनीष जायसवाल ने काऊ कोट के कवरिग के लिए पॉलीथिन उपलब्ध कराई है।