होली पर मानवता का रंग: बेसहारा बुजुर्ग को वृद्धाश्रम संचालक ने दिया सहारा,घरवालों की तलाश जारी

कौशाम्बी,

होली पर मानवता का रंग: बेसहारा बुजुर्ग को वृद्धाश्रम संचालक ने दिया सहारा,घरवालों की तलाश जारी,

यूपी के कौशाम्बी जिले में होली पर्व पर बेसहारा बुजुर्ग कूड़ा बिन रहा था,कौशाम्बी जिले में वृद्धाश्रम चला रहे आलोक राय ने उनकी फटेहाल स्थिति देखकर अपनी इंसानियत का परिचय दिया और उनकी मदद के लिए आगे बढ़े और सहारा देकर उन्हें वृद्धाश्रम में संरक्षण दिया और बुजुर्ग के परिजनों की तलाश में जुट हुए है।

होली के दिन जब चारों ओर रंगों की बौछार हो रही थी, लोग अपने परिवार और दोस्तों संग जश्न मना रहे थे, उसी दौरान वृद्धाश्रम संचालक आलोक रॉय मंझनपुर से ओसा वृद्धाश्रम की ओर जा रहे थे। जैसे ही वह नगर पालिका परिषद कार्यालय के पास पहुंचे, उनकी नजर एक वृद्ध व्यक्ति पर पड़ी, जो कूड़ा बिन रहा था। उनकी हालत बहुत खराब थी—गंदे और फटे कपड़े, उलझे हुए बाल और थकी हुई आंखें, जिनमें भूख और बेबसी साफ झलक रही थी।

यह दृश्य देखकर आलोक रॉय ने तुरंत अपनी बाइक रोकी और उस बुजुर्ग के पास पहुंचे। उन्होंने उसका नाम-पता पूछा, लेकिन बुजुर्ग कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं थे। उनका जवाब न दे पाना इस बात की गवाही दे रहा था कि या तो उन्हें अपनी पहचान याद नहीं, या फिर कोई गहरी मानसिक पीड़ा उन्हें बोलने से रोक रही थी।

बुजुर्ग की दयनीय स्थिति देखकर आलोक रॉय ने उन्हें अपनी बाइक पर बैठाया और पहले उन्हें फल दिलाए। फिर उन्हें ओसा वृद्धाश्रम लेकर गए, जहां सबसे पहले उनकी सफाई कराई गई। उन्हें नहलाया गया, साफ कपड़े पहनाए गए और सम्मानपूर्वक भोजन कराया गया। भोजन करते समय उनके चेहरे पर आई संतुष्टि की झलक यह बता रही थी कि शायद लंबे समय बाद उन्हें भरपेट खाना नसीब हुआ था।

वृद्धाश्रम संचालक आलोक रॉय ने कहा कि अब उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द इस बुजुर्ग के परिजनों को खोजकर उन्हें उनके परिवार से मिलाया जाए। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और आसपास के इलाकों में जानकारी जुटाई जा रही है। यदि परिवार का कोई पता नहीं चलता, तो वृद्धाश्रम में ही उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा, ताकि उन्हें दोबारा ऐसी बेबसी का सामना न करना पड़े।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor