कौशाम्बी में 01 जून से शुरू हो रहा मलेरिया रोधी माह,लोगो को मच्छर जनित रोगों के प्रति किया जाएगा जागरूक

कौशाम्बी,

कौशाम्बी में 01 जून से शुरू हो रहा मलेरिया रोधी माह,लोगो को मच्छर जनित रोगों के प्रति किया जाएगा जागरूक,

यूपी के कौशाम्बी जनपद में वेक्टर जनित रोगों एवं उससे आने वाली आपदा से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों का संवेदीकरण किया गया। तीन दिवसीय यह कार्यक्रम मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में बुधवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम में जनपद में कार्यरत बेसिक हेल्थ वर्कर, लैब टेक्निशियन, हेल्थ सुपरवाइजर को वेक्टर जनित से बचाव एवं प्रबंधन के लिए आगे की रणनीति पर कार्य किया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार ने दी।

जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने बताया कि आगामी ‘एक जून से मलेरिया रोधी माह’ शुरू हो रहा है। इसके अंतर्गत वेक्टर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, फाईलेरिया चिकनगुनिया रोगों से बचाव के लिए जनजागरूकता व सुविधाओं की जानकारी होना बहुत जरुरी है। इसमें स्वास्थ्य विभाग से फ्रंट लाइन वर्कर आशा को मलेरिया स्लाइड बनाने व पूरा इलाज के लिए प्रेरित करना है।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक जून से मलेरिया रोधी माह की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। इसमें समुदाय में वेक्टर जनित रोगों एवं उनके प्रबंधन पर व्यापक प्रचार प्रसार के साथ ही सोर्स रिडक्शन, छिडकाव, साफ़ सफाई के बारे में बताएंगे। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में संभावित रोगी की कि जांच अवश्य कराएं। जल्द ही शुरू होने वाले आईडीए कार्यक्रम के अंतर्गत मरीज चिह्नीकरण दवा सेवन के बारे में जानकारी दें।उन्होंने कहा कि जिन स्वास्थ्य कर्मियों ने संवेदीकरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया है वह सभी अपने क्षेत्र की आशा को प्रशिक्षित करेंगे।

डीएमओ ने कहा कि संचारी रोगों से बचाव के लिए जरुरी हैं कि लोगों में जागरूकता हो और वो भी आस पास के वातावरण को साफ़ रखे ताकि मच्छर पनपने न पाये |

रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दे। गमलों, छत पर पड़े पुराने टायर, प्रयोग में न आने वाली सामग्री में पानी को एकत्र न होने दें, प्रति रविवार कूलर का पानी बदलें, कूलर के पानी में समय-समय पर मिट्टी का तेल डालते रहें ।घर के आस-पास जल एकत्रित न होने दें। सोते समय मच्छरदानी, ऑल आउट आदि का प्रयोग करें , संभव हो तो पूरी आस्तीन के कपड़े पहने जिससे शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखा जाए और मच्छरों से बचाव किया जाए।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor